सर्वप्रथम बल ,बुद्धि ,विद्या के दाता भक्त शिरोमणि दक्षिणमुखी हनुमान गढ़ी पर दर्शन किया।
88000 ऋषि मुनिया की तपस्थली तथा समस्त संसार को ज्ञान का प्रकाशित करने वाले महर्षि वेदव्यास जी व्यास गद्दी के दर्शन कर अपने ज्ञान प्रवाह को पुष्ट कर किया।
भगवान विष्णु के चक्र से बने जल स्रोत जो प्राचीन काल से वर्तमान तक प्राणी जगत को नवीनता और आध्यात्मिक के सराबोर करने वाले कुण्ड से सभी ने आचमन व मरजन कर स्वयं ऊर्जित कर आगे बढ़े। सार्वजनिक शिक्षोन्नयन संस्थान द्वारा संचालित वृद्धाश्रम में बुर्जुगों सानिध्य मे मध्यान्ह भोजन प्रसाद ग्रहणकर सभी शक्ति स्वरूपा माॅ ललिता देवी के मन्दिर मे माथा टेककर सभी ने आशीष लिया।
दक्षिण भारत की मन्दिर निर्माण शैली के उत्कृष्ट मनमोहक बाला जी मन्दिर को देखकर आत्मोत्थान की कामना की ।
शिक्षक डाॅ.शशिकान्त पाण्डेय तथा आनन्द विशारद के नेतृत्व मे सभी छात्र व छात्राओ ने जीवन आध्यात्मिक चेतना जागृत कर सफलतापूर्वक जीवन यापन के सूत्र को सीखा।
डाॅ.राम मनोहर लोहिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अल्लीपुर, हरदोई समय-समय पर इस प्रकार के शैक्षिक भ्रमण का आयोजन कर पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ बच्चो को जीवन के व्यवहारिक ज्ञान को सम्बल प्रदान करने का कार्य अनवरत करता है । महाविद्यालय मे होने वाली शैक्षिक व शिक्षणेत्तर गतिविधियो के आयोजन से ही बच्चो के सर्वांगीण विकास की संस्थापक प्रबन्धक डाॅ.सुशील चन्द्र त्रिवेदी”मधुपेश” की संकल्पना को चरितार्थ करता है।
शैक्षिक भ्रमण के अपने अनुभव साझा करते हुये अजय, आंचल, बच्चो ने कहा यह हमारे जीवन अस्मरणीय पल है जो जब याद आयेगे हमे नयी प्रेरणा देगे।इस अवसर पर पारुल गुप्ता,सुमन, आदि सहभागी बने।


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