
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ‘AI-PRAGYA’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को एआई तकनीक में दक्ष बनाना और उन्हें भविष्य के डिजिटल भारत के लिए तैयार करना है। इच्छुक उम्मीदवार एआइ प्रज्ञा पोर्टल पर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में युवाओं के लिए रोजगार और प्रशिक्षण के नए अवसर सृजित करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में बताया कि सरकार का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में 10 लाख नए युवा उद्यमियों को तैयार करना है। इसके लिए हर साल एक लाख युवाओं को उद्योग शुरू करने के लिए ₹5 लाख तक का ऋण प्रदान किया जाएगा। अब तक इस योजना के तहत 2.54 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से 24,000 से अधिक को ₹931 करोड़ का ऋण स्वीकृत किया गया है।
इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में भी कई पहल की जा रही हैं। राज्य सरकार ने AI नीति-2024 की घोषणा की है, जिसके तहत लखनऊ को देश का पहला AI सिटी बनाने की योजना है। AI कंपनियों को निवेश के लिए भूमि पर छूट, स्टांप ड्यूटी में 100% छूट, और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा, नोएडा और लखनऊ में AI प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे, जहां मुख्यमंत्री अभ्युदय पोर्टल के माध्यम से नि:शुल्क पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे। युवाओं को टैबलेट और स्मार्टफोन के माध्यम से इन पाठ्यक्रमों तक पहुंच प्रदान की जाएगी।
इसके साथ ही, राज्य में AI-रेडी डेटा सेंटर की स्थापना की जा रही है। लखनऊ में सिफी इनफिनिट स्पेस लिमिटेड द्वारा स्थापित होने वाला यह डेटा सेंटर AI और मशीन लर्निंग के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। इससे IT क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और राज्य को डिजिटल विकास में एक नई दिशा मिलेगी।
इन पहलों से उत्तर प्रदेश में युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण, उद्यमिता के अवसर, और AI के क्षेत्र में रोजगार के नए रास्ते मिलेंगे, जो राज्य के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।