नई दिल्ली : उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की हरकतों से परेशान होकर अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया ने पहली बार बड़े कदम का ऐलान किया है। अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने उत्तर कोरिया द्वारा रूस को कथित तौर पर हथियार भेजे जाने को लेकर चिंता जतायी और उसके द्वारा परमाणु हथियारों तथा मिसाइलों का विकास किए जाने तथा अन्य देशों के साथ सैन्य सहयोग पर अंकुश लगाने के लिए शनिवार को मजबूत अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया।
कोरिया प्रायद्वीप में हाल के वर्षों में सर्वाधिक तनाव के बीच सियोल में यह बैठक हुई। बैठक के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा कार्यालय के निदेशक चो ताइ-योंग ने कहा कि तीनों सुरक्षा सलाहकारों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों के तहत उत्तर कोरिया के दायित्वों की पुष्टि की, जिसमें उसके परमाणु निरस्त्रीकरण और अन्य देशों के साथ हथियारों के व्यापार पर प्रतिबंध का आह्वान किया गया है।
चो ने कहा कि तीनों अधिकारियों ने उत्तर कोरिया द्वारा पिछले महीने एक जासूसी उपग्रह के प्रक्षेपण को लेकर उस पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के लिए दक्षिण कोरिया, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की प्रशंसा की।
सुरक्षा और आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा
इस बैठक के बाद अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान ने कहा कि वाशिंगटन रक्षा सहयोग मजबूत करने के लिए सियोल और तोक्यो के साथ मिलकर काम कर रहा है। सुलिवान ने शुक्रवार को चो और जापान के राष्ट्रीय सुरक्षा सचिवालय के महासचिव ताइको अकीबा के साथ अलग से द्विपक्षीय वार्ता भी की। उन्होंने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक यियोल से भी मुलाकात की। शुक्रवार को अकीबा और सुलिवान के लिए आयोजित रात्रि भोज में यून ने कहा कि तीनों देशों के लिए कैम्प डेविड में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के बीच अगस्त में हुई उनकी शिखर वार्ता पर प्रगति जारी रखें, जहां उन्होंने सुरक्षा और आर्थिक सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया था।
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