राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क 

लखनऊ : राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उ प्र, के तत्वावधान में ‘पर्यावरण संरक्षण’ पर कार्यक्रम संस्थान कार्यालय कक्ष सं0 119ब, मुख्य भवन, उ प्र सचिवालय में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता संस्थान की उपाध्यक्ष डॉ उमेश चन्द्र वर्मा ‘आदित्य’ ने की। मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. विशम्भर दयाल शुक्ल, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर कमला सिंह कुशवाहा थे। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के सदस्यों द्वारा दीप प्रज्वलन व डाॅ शोभा दीक्षित भावना की सुमधुर वाणी वन्दना एवं चन्द्र देव दीक्षित के कुशल संचालन के साथ हुआ।



प्रो विश्वम्भर शुक्ल: 

भीड़ में थकने लगे हैं, अब शहर के पाँव, 

हो सके तो लौट आओ, पास मेरे गाँव। 

श्रीमती राजश्री दुबे: 

प्रकृति को माँ का दर्जा क्यों, 

जब हम उसका संरक्षण नहीं कर सकते। 

सुशील चन्द श्रीवास्तव: 

अखबार में आज का लेख कल का रद्दी हो जाता है परन्तु विचार हमेशा रहते हैं। 

श्रीमती राधा बिष्ट: 

हम पौधे नये लगायेंगे, 

सब बच्चों को सिखलायेंगे। चन्द्रदेव दीक्षित: 

कूड़ा करकट हम फैलाते, 

तनिक नहीं इसमें सकुचाते, 

प्राणवायु अब खतम हो रही, 

एक दिन मुश्किल होंगी साँसें। 

डाॅ शोभा दीक्षित ‘भावना’: 

प्रकृति के मित्र बन के यदि रहे जी सकेंगे हम-जगत की एक सुन्दर खुशनुमा तस्वीर रहने दे। 

डाॅ अल्का अस्थाना: 

मेरे आँगन पसरा सावन, 

मन भावन था मन भावन। 

डाॅ रामराज भारती: 

जीवन जन्तु भ्रमर मधुमक्खी, 

गुंजन नित्य प्रभात करें। 

श्री इन्द्रासन सिंह ‘इन्दु’: 

प्रीति की लौ सी दमकती प्यार भी पहुनाइयों में। 

एक साया लिपट कर ऐसे जुड़ा तनहाइयों में। 

विपुल कुमार मिश्र: 

विज्ञान का हुआ प्रसार नूतन अविष्कार, 

अपने प्रकृति पर अधिकार कर लिया।

 राजीव वर्मा ‘वत्सल’: 

सम्पदा वन की बचाएं, 

सोचता क्यों है न हर मन। 

बन्द ए सी कक्ष में रह, 

स्वस्थ कैसे हो मनुज तन।

समारोह में श्रीमती राजश्री दुबे, सुशील चन्द श्रीवास्तव, श्रीमती राधा बिष्ट, रूपचन्द साहू, श्रीमती मीना गौतम, डाॅ दिनेश चन्द्र अवस्थी, चन्द्रदेव दीक्षित, डाॅ शोभा दीक्षित ‘भावना’, डाॅ अल्का अस्थाना, डॉ रामराज भारती, श्री इन्द्रासन सिंह ‘इन्दु’,  विपुल कुमार मिश्र, राजीव वर्मा ‘वत्सल’, बिलाल अहमद, सुरेन्द्र कुमार गौतम, आदित्य तिवारी, अखिलेश त्रिवेदी ‘शाश्वत’ एवं श्रीमती अल्का शर्मा उपस्थित थे। सभी ने ‘पर्यावरण संरक्षण’ जैसे प्रासंगिक एवं महत्त्वपूर्ण विषय पर काव्य-पाठ एवं वक्तव्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम में राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उत्तर प्रदेश के सदस्य एवं पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।