राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क।
पाली। गर्भवती महिला की एचआईवी की फर्जी रिपोर्ट बनाने के मामले में पैथोलॉजी संचालक पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने शिकंजा कस दिया है। मामला संज्ञान में आने के बाद पहले लैब सील की गई, अब संचालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है।
पैथोलॉजी संचालक मरीजों से रकम ठगने के तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कुछ लोग भी उनका बखूबी साथ देते हैं। भोले-भाले मरीजों का फुसलाकर पहले ऐसी लैबों में ले जाया जाता है, बाद में उनसे मोटी रकम वसूली जाती है। कुछ ऐसा ही मामला पाली में सामने आया है। दरअसल पाली थाना क्षेत्र के एक ग्राम निवासी महिला गर्भवती थी। गर्भवती के पति ने जब गांव की आशा से संपर्क किया तो वह उसे पहले पाली स्थित पीएचसी ले गई। यहां से आशा उसे जांच के लिए बरगद तिराहे स्थित हिंद अस्पताल ले गई। यहां से महिला की जांच के लिए खून का सैंपल भगवंतपुर स्थित लैब में जांच के लिए भेज गया। बताते हैं कि डिलीवरी के नाम पर महिला से 60 हजार रुपये ठग लिए गए और जांच में उसे एचआईवी पाजिटिव बता दिया गया। जिससे परिजन घबरा गए। हालांकि उन्होंने जब दूसरी लैब में जांच कराई तो उसे कोई बीमारी नहीं निकली। जिस पर महिला के पति ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से शिकायत की। जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद पहले हिंद अस्पताल को फिर लैब को सील कर दिया गया। अब डिप्टी सीएमओ डॉ पंकज मिश्रा ने लैब संचालक सचिन दीक्षित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी है। डिप्टी सीएमओ ने बताया कि रूपापुर मार्ग पर निजाम पुलिया के पास लखनउ केयर क्लीनिक को मानक विहीन पाया गया है। जिस पर उसे सील करने के साथ ही संचालक को अभिलेख दिखाने के लिए तीन दिन का वक्त दिया गया है।
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