राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क।

लखनऊ। सोमवार से शुरू हुए मानसून सत्र के पहले दिन बनारस से सपा के एमएलसी व विधान परिषद के सचेतक आशुतोष सिंह ने पुरानी पेंशन बहाली का मुदृदा जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा कि पेंशन सेवानिवृत्त कर्मचारियों की जरूरत है। पेंशन धारक कर्मचारियों को वृद्धावस्था में किसी का सहारा नहीं लेना पड़ता है। 




मानसून सत्र में अपनी बात रखते हुए एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली सर्वाधिक महत्वपूर्ण विषय बन गई है। यह महत्वपूर्ण इसलिए भी है, क्योंकि यह लोगों के वृद्धावस्था की लाठी के समान है। वर्तमान में अधिकांश बुजुर्गों की बेहतर सेवा व देखभाल पेंशन के कारण ही की जाती है। चूँकि पुरानी पेंशन सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी की मासिक तनख़्वाह पर निर्भर करती थी, जो जोखिम रहित थी। इसमें कर्मचारियों को प्रतिमाह एकमुश्त धनराशि प्राप्त होती थी, जिससे उनकी सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्हें एक सम्मानजनक धनराशि मिलती थी। जबकि नई पेंशन योजना जोखिमों के अधीन है, जिसका कोई भरोसा नही होता है कि कितनी धनराशि लाभार्थी को मिलेगी क्योंकि यह शेयर बाज़ार पर निर्भर होती है और शेयर बाज़ार में कब कितनी गिरावट आ जाए यह कोई नही जानता। प्रदेश सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2005 के पश्चात नियुक्त एवं कार्यरत शिक्षकों के लिए जो नयी पेंशन योजना लागू की गई, उसमें प्रत्येक शिक्षक के वेतन से 10ः कटौती प्रतिमाह होती है तथा सरकार द्वारा प्रतिमाह 14ः अंशदान दिया जाता है। यह पैसा वित्तीय संस्थानों में निवेश कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले यूपी के लगभग 25 जनपदों में इस फण्ड को शिक्षकों की सहमति के बिना जनपदीय अधिकारियों व बाबूओं द्वारा प्राइवेट कम्पनियों में निवेश कर दिया गया है। जिसके कारण शिक्षकों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है। इसी कारणवश अपने मेहनत की कमाई की सुरक्षा को लेकर शिक्षक व कर्मचारी सशंकित हैं और लम्बे समय से पुरानी पेंशन बहाली की माँग कर रहे हैं।