राष्टï्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क

हरदोई। गंगा का जलस्तर बढऩे से नदी के किनारे बसे लगभग 12 से अधिक गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बाढ़ का पानी  रिहायशी मकानों मे पहुंचाना शुरू हो गया है। इसके अलावा फसलों को भी नुकसान हो रहा है। लगातार बढ़ रहे गंगा के जलस्तर को देखते हुए ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर पलायन करने लगे हैं।



बिलग्राम तहसील क्षेत्र के अंतर्गत राजघाट के आसपास के इलाके में गंगा नदी में हुई पानी की बढ़ोतरी से पानी की धार तेज हो गई है। जिससे तराई क्षेत्र के गांव कटरी बिछुईया, चिरंजू पुरवा, नोखे पुरवा, घासी राम पुरवा, निहाल पुरवा, उम्मेद पुरवा, शेख पुरवा, देवी पुरवा, बख्शी पुरवा आदि गांवों में बाढ़ का पानी भरने लगा है। इस पानी ने फसलों को भी नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। मक्का, धान और मूंगफली की फसलों पर पानी भर गया है। घरों में पानी घुसने से जहां सामान खराब हो रहा है तो वहीं ग्रामीण छतों पर ठिकाना बनाने के लिए मजबूर हो गए हैं। मक्कू पुरवा, निवासी रामनारायण, बसंत लाल, अरविंद, राकेश, राजेश, राम गिरीश, बब्लू, ब्रजनाथ आदि के घरों में पानी घुसने से परिवार को खुले आसमान के नीचे जिंदगी गुजारनी पड़ रही है। ऐसे ही हालात माजरा कटरी, बिछुईया, नोखे पुरवा और ग्राम निहाल पुरवा का है। ग्रामीण अपना जरूरी सामान समेटकर सुरक्षित स्थान के लिए पलायन करने लगे  हैं। वहीं इस गंभीर समस्या के बीच तहसील प्रशासन भी एक्टिव हो गया है। अभी तक बाढ़ प्रभावित लोगों को खाने-पीने की चीजें मुहैया कराई जा रहीं हैं। गुरुवार को 750 बोरी आलू व 750 बोरी राशन किटें शासन की तरफ से तहसील मुख्यालय भेजी गईं। जिनका वितरण किया जा रहा है।