राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क।

लखनऊ। अशोक मार्ग स्थित बलरामपुर गार्डन में राष्टï्रीय पुस्तक मेले का आयोजन किया गया। जिसमें लेखक अनिल कुमार श्रीवास्तव की पुस्तक श्री हरि पाद्य (सप्त सुन्दरकाण्ड) का विमोचन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत में विनायक सिंह ने श्रीराम चरित मानस की वाणी वंदना सुनार्ई। लेखक अनिल कुमार श्रीवास्तव ने श्री हरि: पाद्य पुस्तक में विविधता व शब्द विन्यासों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि राम भारत की आत्मा हैं। 



भारत व पूर्ण विश्व के श्रीराम है। राम और देश को अलग नहीं किया जा सकता है। तुलसीदास ने भगवान श्रीराम के चरित्र व रूप का मनमोहक वर्णन किया है। वक्ता पद्मकांत शर्मा प्रभात ने कहा कि राम तुम्हारा चरित्र ही काफी है। श्री हरि: पाद्य पुस्तक मानस की कुंजी की तरह है। यह पुस्तक रामचरितमानस के अन्वेषण के रूप में रची है। डॉ सुधाकर अदीब ने कहा कि इस पुस्तक में सुन्दर काण्ड के सातों अध्यायों के मूलतत्वों को लिया गया है। लेखक ने रामचरित मानस के गहन अध्ययन के बाद इस पुस्तक की रचना की है।अध्यात्मिक गुरु श्री महामंत्रदारा ने कहा कि तुलसीदास जी का रामचरित मानस एक सुलभ्य ग्रंथ है। रामचरित मानस ग्रंथ रस तत्व से अभिभूत है। इस मौके पर डॉॅ. अमिता दुबे, पद्मश्री डॉ. विद्याविन्दु सिंह ने भी विचार व्यक्त किए।