राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क।

शाहाबाद-हरदोई। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में रहने वाले जिला विद्यालय निरीक्षक श्यामा कुमार के बेटे का जला हुआ शव घर में पड़ा मिला। मृतक हरदोई जिला मुख्यालय में वकालत की प्रैक्टिस कर रहा था और यहां चौक स्थित अपने आवास पर अकेला रहता था। बेटे का जला हुआ शव मिलने की जानकारी जब डीआईओएस व अन्य परिजनों को मिली तो कोहराम मच गया। रोते-बिलखते वह भी मुरादाबाद से यहां आ गए। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। फिलहाल शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका जताई जा रही है। 



शाहाबाद कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला चौक निवासी श्यामा कुमार राजकीय इंटर कॉलेज मुरादाबाद में प्राचार्य थे। अभी जल्दी ही उनका डीआईओएस के पद पर प्रमोशन हुआ है। वह अपनी पत्नी के साथ मुरादाबाद में रहते हैं। उनका बेटा शैलेश कुमार उर्फ दीपक उम्र २८ वर्ष जिला मुख्यालय पर वकालत की प्रैक्टिस करता था और चौक स्थित अपने आवास पर अकेला रहता था।  बुधवार को पिता श्यामा कुमार लगातार सुबह से शैलेश को फोन कर रहे थे। शैलेश से जब संपर्क नहीं हुआ तो उन्होंने पड़ोसियों को फोन किया। जिस पर उन्होंने बताया कि शैलेश ने सुबह से ही दरवाजा नहीं खोला है। जिस पर श्यामा कुमार ने अपने मित्र उमेश चौधरी को फोन करके घर भेजा। घर पहुंचे उमेश ने काफी देर तक दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी, जिस पर उन्होंने पुलिस को फोन किया। मौके पर पहुंची पुलिस जब दरवाजा तोड़कर अंदर गई तो होश उड़ गए। बेड पर शैलेश का जला हुआ शव पड़ा था, पास में ही बिजली का प्रेस रखा था। कमरे में रखा सारा सामान जल चुका था। सूचना पर श्यामा कुमार व अन्य परिजन भी देर रात मौके पर आ गए। पूछताछ में परिजनों ने बताया कि शैलेश घर में अपनी बहन के साथ रहता था। करीब एक साल पहले बीमारी के कारण बहन की मौत हो गई थी, जिस कारण अकेला रह रहा था। जबकि छोटा भाई दूसरे शहर में पढ़ रहा है। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। आशंका जताई जा रही है कि प्रेस करते वक्त करंट लगने से शैलेश गिर गया होगा, इसके बाद प्रेस से आग लग गई होगी।