राष्टï्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क।
मल्लावां-हरदोई। श्री रामलीला महोत्सव भगवंतनगर में चौथे दिन धनुष यज्ञ की लीला का मंचन हुआ। प्रभु श्रीराम द्वारा धनुष तोड़ते ही मिथला में शहनाई बज गई। इसके अलावा लक्ष्मण-परशुराम संवाद का भी दर्शकों ने आनंद लिया।
लीला में दिखाया गया कि महाराज जनक की घोषणा सुन दस हजार राजा शिव धनुष को उठाना तो दूर तिल मात्र हिला भी नहीं सके। तब निराश राजा जनक ने कहा कि लगता है यह धरती वीरों से विहीन हो गई है। जिसका लक्ष्मण ने विरोध किया। बाद में महामुनि विश्वामित्र की अनुमति पाकर प्रभु श्रीराम ने एक झटके में धनुष को तोड़ दिया। इसके बाद पूरा माहौल जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। वहीं शिव धनुष टूट जाने पर अत्यंत कुपित हो परशुराम मिथिला आते है और नाराजगी प्रकट करते हैं। इसके बाद लक्ष्मण और परशुराम के बीच संवाद होता है। इस अवसर पर समित के महामंत्री भास्कर मिश्र, अभय शंकर शुक्ल, अशोक दीक्षित, चंद्रशेखर शुक्ला, विनोद स्वर्णकार, उदय नारायण वर्मा आदि मौजूद रहे।
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