राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया विवाद उभरा है, जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पर गंभीर आरोप लगाए। अखिलेश ने ब्रजेश पाठक को चाटुकारिता और निरर्थक बातें करने वाला बताया, साथ ही उन्हें चुप रहने की सलाह दी। यह बयान विधानसभा में उर्दू भाषा के उपयोग को लेकर उठे विवाद के संदर्भ में आया है।

इस विवाद के बाद, भाजपा ने अखिलेश यादव के खिलाफ मानहानि का नोटिस भेजा है, जिससे राजनीतिक माहौल और भी गर्म हो गया है। अखिलेश ने इस पर पलटवार करते हुए भाजपा की ‘तानाशाही’ से डरने की बात कही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के पास अपनी पार्टी के नेताओं की कोई अहमियत नहीं है।

इस बीच, अखिलेश यादव ने स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक पर 19 सवाल दागे हैं, जिनमें प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की स्थिति, डॉक्टरों द्वारा महंगी दवाओं की सिफारिश, और कैंसर के इलाज के लिए मरीजों को राज्य से बाहर भेजने जैसे मुद्दे शामिल हैं। अखिलेश ने इन सवालों के माध्यम से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।

इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि उत्तर प्रदेश में भाषा, पहचान, और स्वास्थ्य जैसे मुद्दे एक बार फिर राजनीति के केंद्र में आ गए हैं। इस विवाद का आगामी चुनावों पर भी असर पड़ सकता है।

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