राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। देश में इन दिनों एक मामले बेहद चर्चा में है। वो है सोनम रघुवंशी द्वारा अपने ही पति ही हत्या को अंजाम देने का मामला। ऐसी कई घटनाएं बीते कुछ महीनों में सामने आई हैं जब पत्नियों ने अलग अलग कारणों से अपने ही पति की हत्या को अंजाम दिया है। या पत्नी ने किसी अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर हत्या करवाई है या फिर खुद ही पति की हत्या की है।बात चाहे मेरठ के सौरभ राजपूत की करें या फिर हाल ही में इंदौर के राजा रघुवंशी की हत्या की घटना हो। ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाली महिलाओं के मन में आखिर क्या होता है। क्यों पति जिसे हिंदू धर्म में परमेश्वर का दर्जा दिया जाता है आज उन्हें उनकी पत्नी, जिसके साथ सात जन्मों का बंधन होता है वो ही उन्हें मौत के घाट उतारने में जुट गई है। ऐसी महिलाओं की मानसिकता यानी साइकोलॉजी के बारे में जानकारी एक्सपर्ट्स ने दी है।मीडिया रिपोर्ट्स में एक्सपर्ट्स ने बताया कि इसके पीछे खास साइकोलॉजी भी होती है। इसमें कई मानसिक बीमारियां भी होती है। तीन स्तर पर इन बीमारियों को जस्टिफाई किया जाता है। इसमें बायलॉजिकल, साइकोलॉजिकल और सोशल स्तर शामिल है। जानकारी के मुताबिक बायोलॉजिकल श्रेणी में ये स्थिति उस समय होती है जब व्यक्ति के अंदर भी ऐसे जीन्स रहे होंगे जो इंपल्सिव प्रवृति के थेएक्सपर्ट्स का कहना है कि साइकोलॉजिकल परेशानी जब होती है तो व्यक्ति जिस उम्र में छोटा रहा होगा तब उन्हें टेंपरामेंट संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ा होगा। ऐसा व्यक्ति चिड़चिड़ा होता है। इसके साथ ही ऐसे लोग जल्दी गुस्सा होते है और छोटी बातें भी गुस्सा दिलाती है। ऐसा ही व्यवहार व्यक्ति के पर्सनैलिटी में भी बन जाता है।वहीं कई मामलों में सोशल वातावरण का असर देखने को मिलता है। ये व्यवहार संगत के आधार पर होता है यानी जैसा सोशल सर्किल होगा व्यवहार भी वैसा हो जाएगा। अगर सोशल सर्किल अच्छा नहीं है तो ये भी मानसिक विकृति को जन्म देता है।

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