
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ। सरोजनीनगर में सरकारी जमीनों पर कब्जा कराने के आरोपित पांच लेखपालों को मंडलायुक्त ने निलंबित कर दिया है। लंबे समय से शिकायतें आ रही थीं कि प्रॉपर्टी डीलर सरकारी जमीनों पर कब्जा कर प्लॉटिंग कर रहे हैं। सोमवार को निरीक्षण पर निकलीं मंडलायुक्त ने एसडीएम, नगर निगम तहसीलदार के खिलाफ आरोप पत्र जारी करने का आदेश दिया है। साथ दोनों के निलंबन की संस्तुति शासन से की है। कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब ने कुछ माह पूर्व प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीमें बनाई थीं। इनका काम सरकारी जमीन हड़प रहे भू-माफिया पर कार्रवाई करना था। सरकारी जमीनों को अवैध कब्जों से मुक्त कराना था। मण्डलायुक्त रोशन जैकब ने बेहसा और कल्लीपश्चिम का निरीक्षण किया। इस दौरान बेहसा में गाटा संख्या 1421, 1422 और 1418 पर अवैध रूप से प्रॉपर्टी डीलरों का कब्जा मिला। प्रॉपर्टी डीलर सरकारी जमीन पर प्लॉट काट कर कॉलोनी विकसित कर रहे थे। इस पर कमिश्नर ने मातहत अफसरों को फटकार लगाई। उन्होंने कब्जा करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनको जेल भेजने का निर्देश दिया। साथ ही सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा रोकने और उनको खाली कराने में एसडीएम सरोजनीनगर सचिन वर्मा और नगर निगम के तहसीलदार अरविंद पाण्डेय की लापरवाही भी सामने आई। ऐसे में कमिश्नर ने दोनों के खिलाफ आरोप पत्र जारी करने और निलंबन के लिए शासन को चिट्ठी भेजने का निर्देश दिया है। कल्ली पश्चिमी में सरकारी जमीन पर हो गया निर्माण ग्राम सभा कल्ली पश्चिम के निरीक्षण के दौरान सरकारी गाटा संख्या 1459, 1273, 1228 और 1768 पर अवैध कब्जा मिला। इतना ही नहीं, यहां अवैध निर्माण भी हो गया था। यहां भी अवैध कब्जेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का कमिश्नर ने निर्देश दिया। इन लेखपालों-कानूनगो पर हुई कार्रवाई सरकारी भूमि से कब्जा मुक्त करने में शिथिलता बरतने पर ग्राम बेहसा व कल्ली पश्चिम के लेखपाल सुनील तिवारी, दीपक, कानूनगो अशोक पांडेय, पाटन दीन तिवारी, नगर निगम के लेखपाल मृदुल मिश्रा और संदीप यादव द्वितीय को तत्काल सस्पेंड करने के निर्देश दिए। अवैध कब्जों पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश कमिश्नर ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिया कि सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे हटाने के लिए सख्ती से अभियान चलाएं। राजस्व और नगर निगम की संयुक्त टीम सरकारी जमीनों की पैमाइश और जीएस मैपिंग कर रही है। ऐसे में ग्रामीण यदि सरकारी जमीन पर कब्जे की शिकायत करते हैं तो उस पर तुरंत एक्शन लें। जांच कराएं और शिकायत सही मिलने पर बिना देरी जमीन खाली कराएं।