राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मोहन भागवत की ‘‘बौद्धिक गहराई और सहृदय नेतृत्व’’ की प्रशंसा करते हुए कहा है कि 2009 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख के रूप में उनका कार्यकाल इस संगठन की 100 साल की यात्रा में सर्वाधिक परिवर्तन का कालखंड माना जाएगा। भागवत के 75वें जन्मदिन पर बृहस्पतिवार को कई अखबारों में प्रकाशित लेख में मोदी ने कहा कि संघ प्रमुख ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का जीवंत उदाहरण हैं और उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज को संगठित करने, समता-समरसता और बंधुत्व की भावना को सशक्त करने में समर्पित किया है।उन्होंने कहा कि यह सुखद संयोग है कि इस साल विजया दशमी पर आरएसएस 100 वर्ष का हो जाएगा और इसके साथ ही महात्मा गांधी की जयंती, लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी उसी दिन आ रही है। उन्होंने कहा कि इस संगठन के पास भागवत जैसे दूरदर्शी और परिश्रमी सरसंघचालक हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भागवत ने दिखाया है कि जब लोग सीमाओं से ऊपर उठते हैं और सभी को अपना मानते हैं, तो इससे समाज में विश्वास, भाईचारा और समानता मजबूत होती है। उनके मृदुभाषी स्वभाव की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि भागवत में सुनने की भी अद्भुत क्षमता है, जो न केवल उनके दृष्टिकोण को गहराई देती है, बल्कि उनके व्यक्तित्व और नेतृत्व में संवेदनशीलता व गरिमा भी लाती है।उन्होंने कहा कि सरसंघचालक होना मात्र एक संगठनात्मक जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘असाधारण व्यक्तियों ने इस भूमिका को व्यक्तिगत त्याग, उद्देश्य की स्पष्टता और मां भारती के प्रति अटूट समर्पण के साथ निभाया है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मोहन जी ने न केवल इस विशाल जिम्मेदारी के साथ पूर्ण न्याय किया है, बल्कि इसमें अपनी व्यक्तिगत शक्ति, बौद्धिक गहराई और सहृदय नेतृत्व भी जोड़ा है, जो राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत से प्रेरित है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘श्रेष्ठ कार्य-पद्धति को अपनाने की इच्छा और बदलते समय के प्रति खुला मन रखना, यह उनकी बहुत बड़ी विशेषता रही है।’’प्रधानमंत्री ने कहा कि भागवत ने जटिल धाराओं के बीच संगठन का नेतृत्व किया है, कभी भी अपनी मूल विचारधारा से समझौता नहीं किया है जिस पर सभी को गर्व है और साथ ही उन्होंने समाज की बदलती जरूरतों पर भी बात की है। उन्होंने कहा, ‘‘भागवत का युवाओं से सहज जुड़ाव है और इसलिए उन्होंने अधिक से अधिक युवाओं को संघ-कार्य के लिए प्रेरित किया है। वह लोगों से प्रत्यक्ष संपर्क में रहते हैं और संवाद करते रहते हैं, जो आज की गतिशील और डिजिटल दुनिया में बहुत फायदेमंद रहा है।’’उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे अपनी सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों में उनकी गहरी रुचि की सराहना की। मोदी ने कहा, ‘‘उन्होंने पूरे संघ परिवार को इन आंदोलनों में ऊर्जा भरने के लिए प्रेरित किया। समाज कल्याण के लिए उन्होंने ‘पंच परिवर्तन’ का मार्ग प्रशस्त किया, जिसमें स्व-बोध, सामाजिक समरसता, नागरिक शिष्टाचार, कुटुंब प्रबोधन और पर्यावरण के सूत्रों पर चलते हुए राष्ट्र-निर्माण को प्राथमिकता दी गयी है। हर भारतवासी को पंच परिवर्तन के इन सूत्रों से अवश्य प्रेरणा मिलेगी।’’उन्होंने कहा कि संघ का हर कार्यकर्ता वैभव संपन्न भारत माता का सपना साकार होते देखना चाहता है और इस सपने को पूरा करने के लिए जिस स्पष्ट दूरदृष्टि और ठोस कार्रवाई की जरूरत होती है, भागवत इन गुणों से परिपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भागवत जी हमेशा ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के प्रबल पक्षधर रहे हैं। उनका भारत की विविधता और हमारी मातृभूमि का हिस्सा रही विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के उत्सव में दृढ़ विश्वास रहा है।’’मोदी ने कहा कि अपनी व्यस्तता के बावजूद भागवत संगीत और गायन में भी रूचि रखते हैं और बहुत कम लोगों को पता है कि वे विभिन्न भारतीय वाद्ययंत्रों में भी निपुण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पठन-पाठन में उनकी रूचि, उनके अनेक भाषणों और संवादों में साफ दिखायी दी है।’’ नागपुर में एक कार्यक्रम में उनके भाषण को याद करते हुए मोदी ने कहा कि संघ की जड़ें इसके मूल्यों की वजह से बहुत गहरी और मजबूत हैं। भागवत ने उस कार्यक्रम में संघ को अक्षय वट बताया था जो राष्ट्रीय संस्कृति और चेतना को ऊर्जा देता है। मोदी ने कहा, ‘‘इन मूल्यों को आगे बढ़ाने में भागवत जी जिस समर्पण से जुटे हुए हैं, वह हर किसी को प्रेरणा देता है।’’आरएसएस के पूर्व प्रचारक और संगठन के पूर्णकालिक स्वयंसेवक मोदी ने भागवत के पिता मधुकरराव भागवत सहित उनके परिवार के साथ अपने जुड़ाव को याद किया। मधुकरराव भागवत ने भी संघ का काम किया था। संयोग से मोदी भी 17 सितंबर को 75 वर्ष के हो जाएंगे। मोदी ने कहा कि संघ प्रमुख ने अपनी पुस्तक में मधुकरराव जी के बारे में विस्तार से लिखा है।उन्होंने कहा, ‘‘भागवत ने राष्ट्र-निर्माण के लिए अपने आप को समर्पित कर दिया और गुजरात में आरएसएस को मजबूत करने में अहम भूमिका निभायी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मधुकरराव जी का राष्ट्र निर्माण के प्रति झुकाव इतना प्रबल था कि अपने पुत्र मोहनराव को भी इस महान कार्य के लिए निरंतर गढ़ते रहे। एक ‘पारसमणि’ मधुकरराव ने मोहनराव के रूप में एक और ‘पारसमणि’ तैयार कर दिया।’’प्रधानमंत्री ने कहा कि भागवत जी ने उस समय प्रचारक का दायित्व संभाला, जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने देश पर आपातकाल थोप दिया था और उन्होंने तथा असंख्य आरएसएस कार्यकर्ताओं ने इसके खिलाफ आंदोलन मजबूत किया। मोदी ने कहा कि भागवत ने कई वर्षों तक महाराष्ट्र के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों, विशेषकर विदर्भ में काम किया जिससे गरीबों और वंचितों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में उनकी समझ विकसित हुई।उन्होंने कहा कि वर्षों से भागवत ने आरएसएस में विभिन्न पदों पर कार्य किया है और प्रत्येक दायित्व को बड़ी कुशलता से निभाया है। मोदी ने उनके नेतृत्व की परिवर्तनकारी प्रकृति पर जोर देते हुए कहा कि संघ के गणवेश में बदलाव से लेकर शिक्षा वर्गों (प्रशिक्षण शिविरों) में संशोधन तक उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए।



































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































