
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क
भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुलासा किया है कि अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में एयर डिफेंस गन तैनात करने की अनुमति शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रमुख ग्रंथी ने दी थी। यह जानकारी लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) ए. के. कुन्हा ने एक हालिया साक्षात्कार में साझा की।
लेफ्टिनेंट जनरल कुन्हा ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा ड्रोन और मिसाइल हमलों की बढ़ती आशंका के मद्देनजर, मंदिर की सुरक्षा के लिए एयर डिफेंस गन तैनात करने की योजना बनाई गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि इस कदम को SGPC के प्रमुख ग्रंथी की स्वीकृति प्राप्त थी, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि धार्मिक स्थल की पवित्रता बनी रहे और सुरक्षा भी सुनिश्चित हो।
यह खुलासा उस समय आया है जब भारतीय सेना और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के कारण सुरक्षा उपायों को लेकर चर्चा तेज हो गई है। स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा को लेकर यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह धार्मिक स्थल न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी संवेदनशील है।
लेफ्टिनेंट जनरल कुन्हा ने यह भी स्पष्ट किया कि तैनात की गई एयर डिफेंस गन का उद्देश्य केवल सुरक्षा था, न कि किसी धार्मिक स्थल की पवित्रता में हस्तक्षेप। उन्होंने कहा कि SGPC के प्रमुख ग्रंथी की अनुमति के बाद ही यह कदम उठाया गया, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया गया है।
यह घटनाक्रम भारतीय सेना की तत्परता और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। स्वर्ण मंदिर में एयर डिफेंस गन की तैनाती से यह स्पष्ट होता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ धार्मिक स्थलों की पवित्रता को भी समान महत्व दिया जा रहा है।
यह खुलासा सुरक्षा और धार्मिक भावनाओं के संतुलन को लेकर महत्वपूर्ण सवाल उठाता है, और आने वाले दिनों में इस पर और चर्चा होने की संभावना है।