राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। RBI के अनुसार, बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और आय अर्जन की संभावना नहीं थी, जिससे यह निर्णय लिया गया। इसके परिणामस्वरूप, बैंक को सभी बैंकिंग गतिविधियाँ बंद करने का आदेश दिया गया है, जिसमें नए जमाओं की स्वीकृति और मौजूदा जमाओं की निकासी शामिल है।

ग्राहकों के लिए क्या है राहत?

बैंक के विघटन के बाद, प्रत्येक जमाकर्ता को ₹5 लाख तक की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का अधिकार है, जो कि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) द्वारा प्रदान की जाती है। बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 99.53% जमाकर्ताओं को DICGC से अपनी पूरी जमा राशि प्राप्त होगी।

क्या जमाकर्ताओं को अलग से दावा करना होगा?

नहीं, जमाकर्ताओं को अलग से दावा करने की आवश्यकता नहीं है। DICGC और लिक्विडेटर के सहयोग से दावा प्रक्रिया स्वचालित रूप से पूरी की जाएगी, और पात्र खाताधारकों के खातों में राशि सीधे जमा कर दी जाएगी।

क्या यह पहली घटना है?

नहीं, इससे पहले भी RBI ने अन्य सहकारी बैंकों का लाइसेंस रद्द किया है। उदाहरण के लिए, दिसंबर 2023 में उत्तर प्रदेश के सीतापुर स्थित अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस भी रद्द किया गया था, क्योंकि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं थी और वह जमाकर्ताओं को पूरी राशि चुकता करने में सक्षम नहीं था।

निष्कर्ष

यह घटना सहकारी बैंकों में जमा सुरक्षा की महत्ता को उजागर करती है। जमाकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे RBI या NABARD द्वारा पंजीकृत और DICGC द्वारा कवर किए गए बैंकों में ही अपनी जमा राशि रखें। इससे उनकी जमा राशि की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

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