
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली — भारतीय सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल [नाम] ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खुलासा किया कि हाल ही में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सेना ने एक बड़ी सैन्य सफलता हासिल की है। इस कार्रवाई में पाकिस्तान सेना के लगभग 35 से 40 जवान मारे गए हैं।
DGMO ने बताया कि यह ऑपरेशन नियंत्रण रेखा (LoC) के पास स्थित एक संवेदनशील क्षेत्र में अंजाम दिया गया, जहां पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान की ओर से लगातार घुसपैठ और गोलाबारी की घटनाएं बढ़ रही थीं। ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकियों की घुसपैठ को रोकना और पाकिस्तानी सेना द्वारा दी जा रही सहायता को जवाब देना था।
उन्होंने कहा, “भारतीय सेना ने बेहद सुनियोजित तरीके से ऑपरेशन को अंजाम दिया। दुश्मन के ठिकानों की पहले सटीक पहचान की गई और फिर उच्च तकनीक वाले हथियारों और विशेष बलों की मदद से कार्रवाई की गई। हमें जानकारी मिली है कि इस कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान हुआ है।”
इस ऑपरेशन में भारतीय सेना के कुछ जवान भी घायल हुए हैं, लेकिन उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। सेना ने सभी घायल सैनिकों को तत्काल सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया है।
DGMO ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल आत्मरक्षा और राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा के लिए की गई है। उन्होंने कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन यदि सीमा पार से उकसावे की कार्रवाई होती है तो उसका जवाब देना जरूरी है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस ऑपरेशन की सराहना की है और सेना की तत्परता को सलाम किया है। वहीं विपक्ष ने भी सुरक्षा बलों की वीरता की प्रशंसा करते हुए कहा है कि देशहित में ऐसे निर्णयों को पूरा समर्थन मिलना चाहिए।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया:
पाकिस्तान ने हमेशा की तरह इस कार्रवाई को नकारते हुए इसे “भारतीय मीडिया का प्रोपेगैंडा” करार दिया है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सीमा पर भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तानी सेना को एक कड़ा संदेश मिला है।