राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। केरल में भारत माता की तस्वीर को लेकर विवाद लगातार जारी है। बृहस्पतिवार को शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी भारत माता की तस्वीर देखकर राजभवन में आयोजित राज्य सरकार के एक कार्यक्रम को छोड़कर चले गए थे। अब उन्होंने बेहद बेतुका बयान दिया। केरल में भारत माता की तस्वीर को लेकर विवाद लगातार जारी है। इस बीच केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने भारत माता की तस्वीर को लेकर बेतुका बयान दिया। मंत्री ने भारत माता के चित्र को धार्मिक चित्र बताया। साथ ही राजभवन में आधिकारिक समारोहों के दौरान भारत माता का चित्र प्रदर्शित करने के लिए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर पर हमला बोला। बृहस्पतिवार को शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी भारत माता की तस्वीर देखकर राजभवन में आयोजित राज्य सरकार के एक कार्यक्रम को छोड़कर चले गए थे।मंत्री ने कहा कि सांविधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति द्वारा आधिकारिक कार्यक्रमों के दौरान ऐसी प्रतिमा की पूजा करना संविधान के मूल सिद्धांतों को नष्ट करने के समान है। देश की प्रस्तावना में इसे एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया है। सांविधानिक पदों पर बैठे लोगों द्वारा सरकारी कार्यक्रमों में किसी भी धार्मिक प्रथा को बढ़ावा देना प्रतिबंधित है। शिवनकुट्टी ने कहा कि राज्यपाल की कार्रवाई भारतीय संविधान की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति पर एक स्पष्ट हमला है। यह न केवल प्रोटोकॉल का उल्लंघन है, बल्कि संविधान द्वारा गारंटीकृत धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को भी कमजोर करने वाला कृत्य है। उन्होंने राजभवन में भारत माता की तस्वीर लगाए जाने के बाद समारोह का बहिष्कार करने के अपने फैसले को भी उचित ठहराया। मंत्री ने कहा कि मैंने इसलिए कार्यक्रम छोड़ दिया क्योंकि मैं ऐसे सांविधानिक उल्लंघनों का गवाह नहीं बन सकता था। मैं केवल संविधान को बनाए रखने की अपनी जिम्मेदारी निभा रहा था। मैं संविधान की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।राज्यपाल को लेकर राज्य मंत्री ने कहा कि वे तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करके संविधान की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति का अपमान कर रहे हैं। किसी आधिकारिक समारोह में भारत माता की छवि प्रदर्शित करना और उसकी पूजा करना किसी विशेष धार्मिक प्रतीक को आधिकारिक रूप से समर्थन देने के समान होगा। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि भारत माता की छवि को एक धार्मिक प्रतीक के रूप में देखा जाता है और आधिकारिक समारोहों में इसके प्रदर्शन की आलोचना की जाती है क्योंकि यह संवैधानिक, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है।
क्या है मामला
केरल में विवाद तब शुरू हुआ जब राजभवन ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम में ‘भारत माता’ की तस्वीर का उपयोग किया। इसका राज्य के कृषि मंत्री और सीपीआई नेता पी. प्रसाद ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया था। कृषि मंत्री पी प्रसाद ने कहा था कि धर्मनिरपेक्ष केरल में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। राज्य सरकार भारत माता का सम्मान करती है लेकिन राजभवन के आधिकारिक समारोह में आरएसएस शाखाओं से जुड़ी तस्वीर का इस्तेमाल करना असांविधानिक है।

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