
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क
गुवाहाटी, 15 मई: हाल ही में दिए गए एक भड़काऊ बयान को लेकर उठे विवादों के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने मंगलवार को अपनी चुप्पी तोड़ी और सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनके बयान का उद्देश्य किसी विशेष समुदाय या वर्ग को निशाना बनाना नहीं था, बल्कि राज्य में संभावित अशांति को लेकर चेतावनी देना था।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। मैंने जो कहा, उसका मकसद केवल यह बताना था कि कुछ ताकतें राज्य की शांति और सौहार्द को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं। मेरा फर्ज है कि मैं असम की जनता को समय रहते सतर्क करूं।”
यह बयान उस समय आया है जब विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने मुख्यमंत्री के शब्दों को “उकसावे वाले” और “सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाले” करार दिया है। कांग्रेस सहित कई दलों ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से माफी की मांग की है और चुनाव आयोग से भी शिकायत दर्ज कराई गई है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार के भ्रामक प्रचार या अफवाहों पर ध्यान न दें। “असम की एकता और अखंडता हमारे लिए सर्वोपरि है,” उन्होंने कहा।
सरकार के प्रवक्ता ने भी इस विवाद को “राजनीतिक रंग देने की कोशिश” बताया और कहा कि विपक्ष असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस प्रकार के बयानबाजी का सहारा ले रहा है।
इस बीच, असम पुलिस ने सोशल मीडिया पर फैल रहे भड़काऊ पोस्ट्स की निगरानी तेज कर दी है और अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।