
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मई 2025 में केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन करने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति बनेंगी। उनकी यह यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को सभी आयु समूहों के लिए सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी थी, जिसके बाद यह यात्रा और भी ऐतिहासिक बन गई है ।
यात्रा की योजना और व्यवस्थाएँ
राष्ट्रपति भवन ने त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड से संपर्क कर तीर्थयात्रा की व्यवस्थाओं पर चर्चा की है। रिपोर्टों के अनुसार, राष्ट्रपति की यात्रा 14 से 19 मई के बीच एडवा मासा पूजा के दौरान होने की संभावना है। उनकी यात्रा की योजना हेलीकॉप्टर से निलक्कल पहुंचने और फिर पंपा से सन्निधानम तक पैदल यात्रा करने की है। इससे पहले, मार्च में मीनम मासा पूजा के बाद, पुलिस ने सबरीमाला में सुरक्षा और आवास सुविधाओं की समीक्षा की थी ।
राष्ट्रपति की धार्मिक यात्रा का महत्व
राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा उनके धार्मिक विश्वासों और भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान को दर्शाती है। इससे पहले, उन्होंने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए थे और महाकुंभ में हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की थी। उनकी यह यात्रा भारतीय राजनीति में महिला नेतृत्व और धार्मिक सहिष्णुता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सबरीमाला यात्रा न केवल एक धार्मिक यात्रा है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी और धार्मिक स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में भी देखी जाती है। उनकी यह यात्रा भारतीय समाज में समानता और समरसता की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश भेजती है।