राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली: भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक और सख्त रुख अपनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में देश के खिलाफ होने वाले किसी भी आतंकवादी हमले को केवल ‘आतंकवादी घटना’ नहीं, बल्कि ‘युद्ध की कार्रवाई’ (Act of War) माना जाएगा। यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा पर बढ़ते खतरे को देखते हुए लिया गया है।

सरकार के उच्चस्तरीय सूत्रों के अनुसार, यह नीति बदलाव सुरक्षा एजेंसियों, रक्षा बलों और विदेश मंत्रालय के समन्वय से तैयार की गई है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत पर हमला करने वाले संगठनों और उनके समर्थन करने वाले देशों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर गंभीर परिणामों का सामना करना पड़े।

क्या होगा इस बदलाव का असर?

  • आतंकवादी हमलों की प्रतिक्रिया अब सिर्फ पुलिस या सुरक्षाबलों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि सेना की कार्रवाई और कूटनीतिक प्रतिशोध का भी रास्ता खुलेगा।
  • पाकिस्तान या किसी अन्य देश द्वारा प्रायोजित हमले पर सीधा सैन्य जवाब संभव होगा।
  • संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अधिक आक्रामक कूटनीति अपनाई जाएगी।
  • आतंक को शह देने वाले देशों को ‘आतंक के प्रायोजक राज्य’ घोषित करने की प्रक्रिया तेज़ होगी।

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