
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के अनुमोदन के बाद यूपी शासन ने चार लोकपालों का कार्यकाल एक साल के लिए और बढ़ा दिया है। शासन ने अपने आदेश में साफ कर दिया है — “काम में लापरवाही नहीं चलेगी, वरना सीधा बाहर का रास्ता!”
ये चार लोकपाल अब रहेंगे ड्यूटी पर:
- अतुल निगम — उन्नाव
- उमेश कुमार तिवारी — बहराइच
- राज बहादुर यादव — फतेहपुर
- नन्द लाल शुक्ल — बांदा
कहाँ से आई ये ताक़त?
यह नियुक्तियाँ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत की गई थीं और अब शासन ने 6 दिसंबर 2021 के पुराने आदेश को आगे बढ़ाते हुए इन्हें फिर से जिम्मेदारी सौंप दी है।
काम की डेडलाइन और जवाबदेही:
लोकपालों को 20 मार्च 2023 की केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत मिल रही जनशिकायतों का समयबद्ध निस्तारण करना होगा।
- हर तीन महीने में सरकार को रिपोर्ट
- साल भर में एक फुल रिपोर्ट कार्ड
ख़ास चेतावनी:
अगर प्रदर्शन में आई ढील या जवाबदेही से मुंह मोड़ा — तो सीट खाली करनी पड़ेगी! सरकार ने साफ कर दिया है कि नतीजे नहीं तो कुर्सी नहीं।
DM को जिम्मा:
हर ज़िले के जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि लोकपालों को सभी जरूरी प्रशासनिक सुविधाएं समय पर मिलें ताकि जनता की आवाज़ को ज़मीन तक पहुंचाया जा सके।