
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क : प्रयागराज में 45 दिनों तक चले महाकुंभ 2025 का भव्य समापन हो गया, लेकिन इसकी दिव्यता और ऊर्जा ने हर श्रद्धालु के हृदय में अमिट छाप छोड़ दी। 66 करोड़ से अधिक भक्तों ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई, जिससे पूरा वातावरण आध्यात्मिक चेतना से भर उठा। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम पर संतों के प्रवचन, अखाड़ों की शाही स्नान यात्राएं और भव्य आरतियों ने ऐसा दिव्य वातावरण रचा, जिसे शब्दों में समेट पाना कठिन है।
ज्योतिषीय गणनाओं से निर्धारित मुहूर्तों में स्नान करने लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़े, और हर दिन प्रयागराज आस्था के नए आयाम छूता रहा। विश्वभर से आए साधु-संतों, नागा बाबाओं और धर्मगुरुओं ने सनातन संस्कृति की गरिमा को चार चांद लगा दिए। प्रशासन की अभूतपूर्व व्यवस्थाओं ने इस विराट आयोजन को सफल बनाया, जिससे यह कुंभ इतिहास के सबसे भव्य आयोजनों में गिना जाएगा।
महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक मेला नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की शक्ति, एकता और भक्ति का अनुपम उदाहरण रहा। इसके समापन के साथ ही श्रद्धालु अगले महाकुंभ की प्रतीक्षा में फिर से इसी आस्था के प्रवाह में बहने को तैयार हैं।