Mustafa hatched a conspiracy by faking the murder of his living wife, the court took cognizance
  • November 5, 2025
  • kamalkumar
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राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखीमपुर खीरी : थाना भीरा क्षेत्र के ग्राम मुड़िया हेमसिंह वारिदे, हाल पता गांव रमपुरवा मजरा दरियाबाद निवासी मुस्तफ़ा पुत्र गफूर पर अपनी जिंदा पत्नी जैतून उर्फ साबरून की फर्जी हत्या दिखाकर न्यायालय में झूठा वाद दायर करने का गंभीर आरोप सामने आया है। मुस्तफ़ा ने 27 जून 2023 को लखीमपुर खीरी के सक्षम न्यायालय में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के अंतर्गत वाद दायर किया था। वादी ने अपने वाद में आरोप लगाया कि उसकी पत्नी जैतून (साबरून) की हत्या उसके सगे भाई बरकत अली अंसारी और उनके पुत्र सलमान व रिज़वान (निवासी कुकरा, थाना मैलानी) ने संपत्ति हड़पने की नीयत से की और शव गायब कर दिया। जब

सीजेएम कोर्ट लखीमपुर ने इस संबंध में थाना भीरा और थाना मैलानी से रिपोर्ट मांगी। दोनों थानों की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि हत्या या गुमशुदगी से जुड़ी कोई एफआईआर दर्ज नहीं है। इसके बावजूद, न्यायालय ने वाद संख्या 323/25 में 20 अगस्त 2024 को संज्ञान लेते हुए धारा 223 बी एन एस एस के तहत विपक्षीगण को नोटिस जारी किया। वादी मुस्तफ़ा ने 2 जून 2025 को स्वयं अदालत में बयान दिया। इसके बाद गवाह वजीर पुत्र सरमत (4 जुलाई 2025), तौकीर अली पुत्र मुस्तफ़ा (6 अगस्त 2025) और आफाक पुत्र आमीन (22 अगस्त 2025) ने बयान दर्ज कराए। सभी गवाहों ने हत्या का आरोप बरकत अली और उनके पुत्रों पर लगाया, लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में कोई प्रमाण नहीं मिलने से मामला संदिग्ध माना जा रहा है। पत्नी साबरून बोलीं – मैं पूरी तरह जिंदा हूं और मीडिया व अधिकारियों के समक्ष साबरून (जैतून) ने कहा मैं पूरी तरह जिंदा हूं मेरे पति मुस्तफ़ा ने मुझे पत्नी के अधिकारों से वंचित करने और मेरे भाई-भतीजों को झूठे केस में फंसाने की साजिश रची है। और भाई बरकत अली का आरोप – ‘संपत्ति हड़पने की साजिश की बरकत अली अंसारी निवासी कुकरा, थाना मैलानी ने बताया कि उनकी बहन साबरून की शादी करीब 52 वर्ष पूर्व मुस्तफ़ा पुत्र गफूर से हुई थी। दंपति निसंतान है। गफूर की मृत्यु के बाद करीब 7 एकड़ भूमि उसके पुत्रों मुस्तफ़ा और जाहिद अली के नाम दर्ज हुई। बरकत अली का आरोप है कि जाहिद अली ने अपने पुत्र तौकीर अली को कूटरचित दस्तावेजों में मुस्तफ़ा का पुत्र दर्शाया, ताकि भविष्य में संपत्ति पर कब्जा किया जा सके।

कानूनी विशेषज्ञों की राय

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अदालत में यह सिद्ध हो जाता है कि वादी ने फर्जी वाद दायर किया और झूठे आरोप लगाए, तो उसके खिलाफ धारा 182, 211 सहित अन्य धाराओं में कठोर दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है।

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