राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क 

वाटिकन सिटी— पोप लियो 14वें ने रविवार को सेंट पीटर्स स्क्वायर में अपने पहले सार्वजनिक संदेश में दुनिया भर के संघर्षों को समाप्त करने की अपील की। उन्होंने विशेष रूप से यूक्रेन और गाजा में शांति की आवश्यकता पर जोर दिया।

पोप ने कहा, “अब युद्ध नहीं।” उन्होंने गाजा में तत्काल संघर्ष विराम, इजरायली बंधकों की रिहाई और यूक्रेन में एक स्थायी शांति समझौते की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इसे “तीसरे विश्व युद्ध का टुकड़ों में लड़ा जाना” बताया और वैश्विक नेताओं से “सच्ची, न्यायपूर्ण और स्थायी शांति” की दिशा में कदम उठाने का आह्वान किया।

इस संदेश में पोप ने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए संघर्ष विराम का भी स्वागत किया, जिसे उन्होंने “सकारात्मक संकेत” के रूप में देखा। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि संघर्षों के बीच भी संवाद और शांति संभव है।

पोप लियो 14वें, जिनका असली नाम रॉबर्ट प्रीवोस्ट है, अमेरिका के पहले पोप हैं। उन्होंने अपनी उपस्थिति में पारंपरिक लाल केप पहना और “रेजिना काएली” प्रार्थना का पाठ किया, जो कैथोलिक परंपरा में महत्वपूर्ण है। उनकी यह उपस्थिति और संदेश चर्च के भीतर एकता और परंपरा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उनके इस संदेश ने दुनिया भर के लाखों लोगों को प्रभावित किया और वैश्विक शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

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