राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। नयी दिल्ली बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा शुरू किए गए वोटर लिस्ट मेगा वेरिफिकेशन अभियान पर विपक्षी दलों ने संदेह व्यक्त किया है। राष्ट्रीय जनता दल ;राजदद्ध और इंडिया ब्लॉक के नेता इसे गरीबए दलितए पिछड़े और अल्पसंख्यक मतदाताओं को मतदाता सूची से हटाने की साजिश करार दे रहे हैं। चंद्रशेखर यादव ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है। राजद नेता चंद्रशेखर यादव ने रविवार को समाचार एजेंसी से बातचीत की। उन्होंने कहाए कम समय में इतने बड़े पैमाने पर वेरिफिकेशन संभव नहीं हैए जिससे लाखों लोग प्रभावित हो सकते हैं। एक जून तक सत्यापन पूरा हो जाने के बादए उन्हें अचानक गहन पुनरू सत्यापन की आवश्यकता महसूस हुई। उन्हें एहसास हुआ कि उनकी घृणास्पदए सांप्रदायिक रणनीति अब समाज को धोखा नहीं दे रही है। बिहार हमेशा से बदलाव की भूमि रहा है और हमेशा नफरत के खिलाफ खड़ा रहा है। इसे देखते हुएए उन्होंने लगातार सर्वेक्षण करना शुरू कर दिया। इसमें संघ और भाजपा दोनों शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जब तेजस्वी प्रसाद यादव जैसे युवा नेता गरीबीए बेरोजगारी और महंगाई जैसे मूल मुद्दों पर लोगों तक पहुंचते हैंए तो उनके लिए जनता का समर्थन बढ़ता है। इससे नफरत फैलाने वाली ताकतें घबरा गई हैंए और उन्हें अपनी जमीन खोने का डर सता रहा है। राजद नेता ने आशंका जताई कि प्रदेश में एनआरसी की तर्ज पर ही काम किया जा सकता है। उन्होंने कहाए इनका एक ही मकसद है कि गरीब मतदाता को वोटर लिस्ट से बाहर किया जाए। महाराष्ट्र और दिल्ली विधानसभा चुनाव में हम यह देख चुके हैं। संविधान के प्रस्तावना में सेक्युलरिज्म और सोशलिस्ट शब्द हटाने को लेकर बहस तेज है। इस पर राजद नेता ने कहाए केंद्र सरकार रोजगारए देश के विकास या किसानों की बिगड़ती आर्थिक स्थिति के बारे में चिंतित नहीं दिखती है। 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया थाए लेकिन अब 2025 आ गया है और कुछ भी नहीं बदला है। बेरोजगारी और गरीबी जैसे प्रमुख मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए सांप्रदायिक और घृणित तत्व ध्यान भटकाने का काम कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि धर्मनिरपेक्षता से इन लोगों को दिक्कत क्या है। संविधान में किसी भी प्रकार से छेड़छाड़ से हमारी पार्टी सहमत नहीं है। समाजवाद से क्या दिक्कत है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *