
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क शाहजहांपुर : शहर के रोडवेज स्टैंड के सामने और बरेली मोड़ चौराहा इन दिनों डग्गामार वाहनों का अड्डा बन गया है। पूरे दिन धड़ल्ले से सवारियां भरने वाले ये वाहन यातायात विभाग और पुलिस के सामने बेरोकटोक संचालित हो रहे हैं। डबल डेकर और स्लीपर बसों ने प्रमुख रूटों पर कब्जा कर रोडवेज के राजस्व को गहरा झटका दिया है।
डग्गामार वाहनों की भरमार, रोडवेज को भारी घाटा
शासन के आदेशानुसार एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक डग्गामार वाहनों और अवैध ई-रिक्शा पर अभियान चलाया गया था, जिसमें करीब डेढ़ हजार वाहनों पर कार्रवाई की गई। लेकिन कुछ ही दिनों बाद यह अभियान ठंडा पड़ गया और पुराने हालात लौट आए। रोडवेज स्टैंड के सामने और बरेली मोड़ पर दर्जनों अवैध वाहन हर समय यात्रियों को ले जाते नजर आते हैं। गोला, लखीमपुर, बंडा, खुटार, पुवायां, जलालाबाद जैसे आसपास के शहरों के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश तक के लिए भी डग्गामार बसें धड़ल्ले से चल रही हैं।
कम किराया, अधिक जोखिम
शाहजहांपुर डिपो से जहां 24 रोडवेज बसें रोजाना संचालित होती हैं, वहीं डग्गामार बसें कम किराए में यात्रियों को अपनी ओर खींच रही हैं। सरकारी बस का किराया लगभग ₹580 है जबकि निजी बसें ₹350 से ₹400 में सफर करवा रही हैं। इससे यात्रियों को किराया और समय दोनों में बचत तो हो रही है, लेकिन सुरक्षा के बड़े खतरे भी मौजूद हैं।
प्रशासनिक चुप्पी और सस्ती ‘मैनेजमेंट’
चालान में माहिर यातायात पुलिस डग्गामार बसों पर कार्रवाई करने में पूरी तरह नाकाम नजर आ रही है। रोडवेज स्टैंड और पुलिस लाइन के सामने, जहां हर समय अधिकारी आते-जाते रहते हैं, वहां रात होते ही दर्जनों प्राइवेट बसें खड़ी हो जाती हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। सब कुछ ‘मैनेजमेंट’ के भरोसे चल रहा है।
अधिकारियों का दावा: कार्रवाई जारी
इस बीच, एआरटीओ शांति भूषण पांडे ने दावा किया कि शासन के निर्देशों के अनुसार डग्गामार वाहनों के खिलाफ नियमित कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि डग्गामार प्राइवेट बसों के खिलाफ भी आज से विशेष अभियान शुरू किया जाएगा।