राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क नई दिल्ली
भाजपा ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की मुर्शिदाबाद हिंसा से निपटने के तरीके को लेकर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार पर तीखा हमला किया। पार्टी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने बुधवार को उन्होंने कहा कि तथ्य-खोजी एसआईटी की रिपोर्ट से हिंदुओं के प्रति सरकार की क्रूरता का पता चला है।
हिंसा के दौरान पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने उन पर टीएमसी नेताओं की कार्रवाई की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मुर्शिदाबाद हिंसा पर एसआईटी की रिपोर्ट ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि हिंदुओं को निशाना बनाकर हिंसा की गई थी और इसमें टीएमसी नेता शामिल थे और पुलिस का रवैया हिंसा को रोकने के बजाय टीएमसी नेताओं की कार्रवाई की अनदेखी करने वाला प्रतीत होता है।’
उन्होंने कहा, ‘मुर्शिदाबाद से पहलगाम तक हिंदुओं को निशाना बनाकर उनके खिलाफ हिंसा का सिलसिला साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। मुर्शिदाबाद हिंसा में जिस तरह से तथ्य सामने आ रहे हैं, उससे ममता बनर्जी सरकार की हिंदुओं के प्रति क्रूरता और कट्टरपंथियों के प्रति असीम लगाव का पता चलता है।’ यह तब हुआ जब कलकत्ता उच्च न्यायालय की तरफ से गठित तथ्य-खोजी समिति ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें बताया गया कि हिंसा के दौरान बेतबोना गांव में 113 घर बुरी तरह प्रभावित हुए। इसमें कहा गया कि अधिकांश लोगों ने मालदा में शरण ली थी, लेकिन बेतबोना गांव में पुलिस प्रशासन ने सभी को वापस लौटने पर मजबूर कर दिया।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘हमले स्थानीय पार्षद की तरफ से निर्देशित किए गए थे,’ और कहा कि स्थानीय पुलिस पूरी तरह से “निष्क्रिय और अनुपस्थित” थी। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि लोग अपनी सुरक्षा के लिए स्थायी बीएसएफ कैंप और केंद्रीय सशस्त्र बल चाहते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पश्चिम बंगाल पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया। बेतबोना के ग्रामीण ने शुक्रवार को शाम चार बजे और शनिवार को शाम चार बजे फोन किया, लेकिन पुलिस ने फोन नहीं उठाया।’ रिपोर्ट में आगे कहा गया है, ‘एक आदमी गांव में वापस आया और उसने देखा कि किन घरों पर हमला नहीं हुआ है और फिर बदमाशों ने आकर उन घरों में आग लगा दी।’

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बदमाशों ने पानी का कनेक्शन काट दिया ताकि आग को पानी से न बुझाया जा सके। इसमें कहा गया है, ‘बदमाशों ने घर के सभी कपड़ों को मिट्टी के तेल से जला दिया और घर की महिला के पास तन ढकने के लिए कपड़े नहीं थे।’ रिपोर्ट में हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन दास की हत्या का जिक्र करते हुए कहा गया है, ‘उन्होंने घर का मुख्य दरवाजा तोड़ दिया और उसके बेटे और उसके पति को ले गए और उनकी पीठ पर कुल्हाड़ी से वार किया। एक आदमी तब तक वहां इंतजार कर रहा था जब तक वे मर नहीं गए।’

वहीं लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ‘भारतीय सेना के अप्रतीम शौर्य और पराक्रम का प्रतीक ऑपरेशन सिंदूर को छुटपुट घटना कहना ना केवल निंदनीय है बल्कि भारत की सेना के शौर्य, पराक्रम और 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं का अपमान भी है। इससे पहले भी राहुल गांधी भारतीय विमानों और अन्य चीजों के बारे में अनेक प्रकार की आवांछित और अनर्गल बातें कर चुके हैं… पहले राहुल गांधी और अब मल्लिकार्जुन खरगे के बयान के बाद एक बात बहुत साफ हो गई है कि पिछले कुछ दिनों से इनके(कांग्रेस) गठबंधन के नेताओं के जो बयान आ रहे हैं वह अनायास मुंह से निकले बयान नहीं हैं बल्कि सुविचारित, भारत विरोधी और … विचारधारा से पोषित होकर आने वाले बयानों की एक श्रृंख्ला है। मल्लिकार्जुन खरगे का यह बयान ये भी दर्शाता है कि INDIA गठबंधन नाम रख लेने से कोई दिल से भारतीय नहीं हो जाता… इसलिए हम इस बयान को निंदनीय तो मानते ही हैं साथ ही हम कांग्रेस पार्टी और INDI गठबंधन की एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा भी मानते हैं।’

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