There is no budget for basic works, drains are being built unnecessarily.

शाहजहांपुर,,,,एक तरफ नगर पंचायत कांट बजट ना होने का रोना रोकर नगर में कई महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा है उधर बिना किसी आवश्यकता के तालाब के अंदर लाखों रुपए खर्च कर बड़े नाले का निर्माण करवा रहा है।जबकि ये जानते हुए भी कि पूरे नगर का पानी स्वतः ही तालाब में जाता है।साथ ही सबसे बड़ी बात कि नाला निर्माण कार्य अभी पूरा भी नहीं हुआ कि आधे से ज्यादा नाला चटक कर दोनों साइडों में झुक गया।उधर सफाई व्यवस्था में काफी पीछे नगर पंचायत कांट भारीभरकम खर्च होने के बाबजूद सफाई व्यवस्था में काफी पीछे है।नालियों में भरा गंदा पानी और सडा कूड़ा इतनी दुर्गंध छोड़ता है कि आम जन मानस का सांस लेना मुश्किल हो रहा है।मालूम हो कि मोहल्ला केले वाली चौपाल अंतर्गत प्राचीन मरहा तालाब है।ये तालाब कभी नगरवासियों की समस्त जरूरतों का एकमात्र साधन हुआ करता था।तालाब का निर्मल पानी लोगों के पशुओं के पानी पीने, लोगों के नहाने के साथ ही अन्य जरूरी कार्यों के कार्य इसी तालाब से होते थे।समय बीता तो लोगों ने तालाब पर अतिक्रमण करना प्रारम्भ कर दिया।विगत दस वर्षों में आधे से अधिक तालाब पर चौतरफा अतिक्रमण कर लोगों ने मकान बना लिए।हालांकि इसकी कई बार शिकायत हुई उच्चाधिकारियों के निर्देश पर नापजोख की गई लेकिन भ्रष्टाचार में डूबे लोकतंत्र में कोई कार्यवाही नहीं हो सकी।इधर एक स्थानीय नेता के कुछ रिश्तेदारों को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बिना किसी आवश्यकता के लगभग दो सौ मीटर लंबे और काफी चौड़े नाले का निर्माण शुरू करा दिया गया।जबकि स्थानीय लोगों के मुताबिक जब सभी मोहल्लेवासियों के घरों का पानी तथा बरसात का पानी तालाब में ही जाता है तो नाला बनाने का औचित्य ही क्या था।सबसे मजेदार बात तो ये कि लगभग बीस लाख की लागत से बनने वाले इस नाले के निर्माण का कार्य एक ऐसे ठेकेदार को दिया गया जो नगर पंचायत के कई कार्यों में पहले ही ढिलाई बरत चुका है।और इस नाले का निर्माण अभी आधा ही हो पाया था कि नाला कई जगह से खुद ही चटक कर दोनों दिशाओं में झुक गया।दूसरी तरफ जिस पर केंद्र और राज्य सरकार सबसे ज्यादा पैसा खर्च कर रही है वह है सफाई व्यवस्था।जिसे लेकर नगर पंचायत कांट काफी उदासीन रहती है।कुछ स्थानों को छोड़कर अधिकांश जगहों पर आपको कूड़े के बड़े ढेर लगे दिखाई पड़ जायेंगे।अस्पताल वाली सड़क पर हर समय गंदा पानी सड़क के ऊपर बहता है।इस पर कभी साफ सफाई तक नहीं कराई गई जबकि मोहल्लेवासियों की बात दूर केवल स्वास्थ्य केंद्र पर ही प्रतिदिन तीन सौ से अधिक मरीजों का आना जाना लगा रहता है।मरीजों को इस गंदे पानी में होकर निकालना पड़ता है।प्रभारी चिकित्साधिकारी गौरव कुमार के मुताबिक उन्होंने नगर पंचायत को कई बार पत्र लिखकर सफाई कराने की बात कही लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।।इस सम्बन्ध में अधिशासी अधिकारी कांट से जानकारी करने का काफी प्रयास किया गया लेकिन ना तो उनका फोन लगा और ना ही वह आफिस में मिली।इधर ददरौल विधायक अरविन्द कुमार सिंह ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस पूरे मामले की जांच कराने की मांग के लिए शासन प्रशासन को पत्र लिखा है।

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