
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ : उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिया कि सभी प्रचार माध्यमों से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PMFME) का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें।
वह अपने कैंप कार्यालय, 7 कालिदास मार्ग, लखनऊ पर आयोजित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में बोल रहे थे, जहां PMFME योजना और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विभाग के कार्यों की समीक्षा की गई।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष पर है। उन्होंने निर्देश दिए कि योजनाओं का प्रचार गांव-गांव तक हो और हर गांव में कम से कम एक यूनिट स्थापित की जाए।
डिप्टी सीएम ने स्वयं सहायता समूहों को इन उद्योगों से जोड़ने पर जोर दिया। उन्होंने जिला स्तरीय कार्यशालाओं, इनक्यूबेशन सेंटरों को शीघ्र प्रारंभ करने, और उनके लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के निर्देश दिए।
उन्होंने प्रत्येक जिले के 10 लाभार्थियों से फीडबैक लेने, लखनऊ के सभी ब्लॉकों में पायलट ट्रेनिंग प्रोजेक्ट शुरू करने, और ग्राम चौपालों में हर शुक्रवार योजना की जानकारी देने को कहा। साथ ही मुख्यालय स्तर पर कॉल सेंटर की स्थापना और वित्तीय वर्ष के लिए स्पष्ट कार्य-योजना बनाने का निर्देश भी दिया।
बैठक में बताया गया कि उत्तर प्रदेश का स्ट्राइक रेट 99% है जबकि ऑल इंडिया एवरेज 56% है। ऋण स्वीकृति के मामले में भी उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है—केवल 101 दिन में ऋण स्वीकृत होता है, जबकि बिहार में 110 और तेलंगाना में 190 दिन लगते हैं।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश ने 250 करोड़ रुपये अधिक बजट व्यय किया और वर्ष 2025-26 में 56% की बढ़ोतरी के साथ 300 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि निर्धारित की गई है।
बैठक में ग्राम्य विकास राज्य मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम, अपर मुख्य सचिव हिमांशु कुमार, प्रमुख सचिव बी एल मीणा, आयुक्त जी एस प्रियदर्शी, यूपी आरआरडीए के सीईओ अखंड प्रताप सिंह, निदेशक ईशम सिंह, विजय बहादुर द्विवेदी, बी डी चौधरी, जन्मेजय शुक्ला समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।