• July 6, 2024
  • kamalkumar
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राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क 

लखनऊ ,गौतम बुद्ध नगर : दिनांक 05.07.2024 को उ.प्र. रेरा द्वारा लखनऊ मुख्यालय पर अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में प्रोमोटर्स के संगठन- क्रेडाई और नरेडकों के प्रतिनिधियों के साथ एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें रेरा अधिनियम के महत्वपूर्ण प्राविधानों, पूर्व में जारी किए गए कार्यालय आदेशों और उनसे जुड़े पहलुओं पर गहन चर्चा हुई। संगोष्ठी का उद्देश्य प्रोमोटर्स से जुड़े कार्यकलापों में रेरा अधिनियम के अनुरूप एकरूपता लाना तथा पिछले कुछ माह में जारी किए गए कार्यालय आदेशों जैसे- रियल एस्टेट परियोजनाओं और आवंटियों के लिए ओसी / सीसी अभिलेखों की आवश्यकता, ऑफर ऑफ पजेशन का मॉडल प्रारूप, 3 बैंक खातों का रख-रखाव, प्रोमोटर्स के नामांकन हेतु मानक संचालन प्रक्रिया, हिन्दी भाषा में पत्राचार, भू-खंड के स्वामित्व तथा उसके भार-मुक्त से संबंधित दिशा-निर्देश, परियोजनाओं के त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट (QPR) की स्थिति, रियल एस्टेट परियोजनाओं के विज्ञापन तथा प्रचार-प्रसार संबंधी विस्तृत दिशा-निर्देश, आवंटियों से समझौते से संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया, पत्राचार हेतु प्रोमोटर्स के अधिकृत प्रतिनिधि तथा प्राधिकृत हस्ताक्षरी नामित करना, प्रोमोटर्स द्वारा परियोजना से जुड़े अभिलेख मुख्यालय में उपलब्ध कराना, आदि से जुड़े पहलुओं पर विस्तृत चर्चा करना, प्रोमोटर्स की व्ययहारिक कठिनाई को समझना तथा उनपर विचार-विमर्श करके अधिनियम के प्राविधानों के अनुसार उपाय निकालना शामिल था। 


उ.प्र. रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने इस अवसर पर कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर के विनियमन और विकास हेतु प्रोमोटर्स के साथ इस प्रकार के नियमित संगोष्ठी की आवश्यकता है जिससे रेरा अधिनियम के प्राविधानों को गहनता से समझकर कार्य किया जाए और सेक्टर से जुड़े सभी हितधारकों के हितों की रक्षा की जा सके। रेरा अध्यक्ष, सचिव तथा अन्य अधिकारियों द्वारा प्रोमोटर्स को रेरा अधिनियम में निहित प्राविधानों के अनुरूप जारी कार्यालय आदेशों के सार, मानक संचालन प्रक्रिया तथा दिशा निर्देशों और उसके अनुपालन से जुड़े लाभ से अवगत कराया जो रियल एस्टेट सेक्टर के सबसे बड़े हितधारक- घर खरीदारों या आवंटियों के हितों की रक्षा से जुड़े है। यह बात विशेष रूप से समझाई गई कि सभी कार्यालय आदेश द्वारा प्राविधानों को गहराई तक खोलकर प्रस्तुत किया गया है जिससे प्राधिकरण और प्रोमोटर्स के मध्य एक सामंजस्य बनाया जा सके और उसका लाभ आवंटियों तक पहुचाय जा सके जो उसके वास्तविक हकदार है। बैठक में एक रियल एस्टेट परियोजना के रेरा में पंजीयन से परियोजना के एकॉउन्ट क्लोजर तक आने वाले महत्वपूर्ण चरणों पर विस्तृत चर्चा हुई, रेरा अधिनियम के अनुसार उसके अनुसरण का समझाया गया, अनावश्यक अर्थदंड से बचने के तरीके बताए गए और अंत में प्रश्नोत्तर का दौर भी चला। 


प्रोमोटर्स संघ के प्रतिनिधियों द्वारा रेरा को अपनी कतिपय व्ययहारिक चुनौतियों से अवगत कराया गया जिसपर रेरा द्वारा उपाय प्रस्तुत किए गए तथा एक प्रस्तुति भी मांगी गई है। रेरा द्वारा गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर उचित निर्णय लिया जाएगा। संगोष्ठी में रेरा सचिव प्रमोद कुमार उपाध्याय, प्रमुख सलाहकार अबरार अहमद, तकनीकी सलाहकार सुबोध राय, वित्त सलाहकार सुधांशु त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया। प्रोमोटर्स संघ की तरफ से मनोज गौर- क्रेडाई एनसीआर, दिनेश गुप्ता- क्रेडाई पश्चिमी यूपी, राकेश यादव- नरेडकों सहित लगभग 25 अन्य प्रोमोटर या उनके प्रतिनिधियों द्वारा संगोष्ठी में प्रतिभाग किया गया।

संगोष्ठी में रेरा और प्रोमोटर्स संगठन द्वारा रेरा अधिनियम के महत्वपूर्ण प्राविधानों, पूर्व में जारी किए गए कार्यालय आदेशों और उनसे जुड़े पहलुओं पर गहन चर्चा हुई। 

रेरा द्वारा क्रेडाई और नरेडकों के प्रतिनिधियों के माध्यम से उनकी व्यवहारिक कठिनाई को समझा, उनके उपायों पर विचार-विमर्श किया तथा एक लिखित प्रस्तुति उपलब्ध कराने को कहा।

रेरा ने आवंटियों के हितों की रक्षा से जुड़े कार्यालय आदेशों के समयानुसार सार और अनुपालन के महत्व का उल्लेख किया जिससे रेरा अधिनियम का पालन सुनिश्चित किया जा सके। 

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