• August 17, 2024
  • kamalkumar
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 राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क

लखनऊ। हम उत्तर प्रदेश में मसाले के उत्पादन तथा उसके प्रसंस्करण से कम लागत तथा कम क्षेत्रफल में अधिक लाभदायी उत्पादन कर सकते हैं। जिससे किसानों के जीवन स्तर पर काफी सुधार होगा। यह बात आज प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने उद्यान भवन के सभागार में आयोजित मसाला सम्मेलन तथा एक्सपो-2024 के दौरान कही।



उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की उन्नति किसानों की उन्नति पर निर्भर है। क्योंकि प्रदेश में किसान अधिसंख्य हैं। किसानों की आय गुणात्मक रूप से बढ़ाने के लिए मसालों का उत्पादन बढ़ाना आवश्यक है। किसान मसालों की कम क्षेत्रफल में बोवाई करके अधिक मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने इस तकनीकी के क्षेत्र में कार्य करने वाले उद्यमियों को आमंत्रित करते हुए कहा कि वे सभी प्रकार के किसानों की आवश्यकताओं के अनुसार उन्हें तकनीक उपलब्ध कराने में सहायता करें। जिससे कि किसान स्वयं ही मसाले का प्रसंस्करण कर सकें। उन्होंने कहा कि अभी हमें निर्यात भाड़ा बहुत अधिक देना पड़ता है। जल्द ही जेवर एयरपोर्ट के पास एक इंटीग्रेटेड टेस्टिंग ट्रीटमेंट पार्क तैयार किया जा रहा है। जहां राज्य के किसानों की हर उपज उत्पाद को ठीक से ग्रेडिंग-पैकिंग करके डिमांड के अनुसार दुनिया के बाजार में पहुंचाया जाएगा।  इससे उत्तर प्रदेश के किसानों कि निर्यात लागत कम हो जाएगी तथा उनका लाभांश बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत के मसाले पूरे विश्व में पहले से ही बहुत लोकप्रिय हैं। मसाले में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में होता है साथ ही इसमें प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले तत्व, सूजन रोधी और औषधीय गुण पर्याप्त मात्रा में होते हैं। उन्होंने कहा कि मसालों पर आयोजित इस प्रकार के सम्मेलन और एक्सपो किसानों, अनुसंधानकर्ताओं, ट्रेडर्स एक्सपोर्टर्स तथा सभी हितधारकों के बीच समन्वय और संवाद का बेहतर माध्यम उपलब्ध कराते हैं।

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