The elderly woman kept writhing in pain, the hospital staff became spectators
  • May 30, 2025
  • kamalkumar
  • 0

राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क शाहजहांपुर : उत्तर प्रदेश सरकार भले ही स्वास्थ्य विभाग में सुधार के लाख दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। शाहजहांपुर के पुवायां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य विभाग का अमानवीय चेहरा एक बार फिर सामने आया है। यहां एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला घंटों तक अस्पताल के फर्श पर पड़ी तड़पती रही, लेकिन न किसी डॉक्टर ने उसकी सुध ली और न ही किसी कर्मचारी ने उसे उठाना जरूरी समझा। जब एक मरीज ने अस्पताल में हंगामा किया, तब जाकर स्टाफ हरकत में आया और महिला को बेड पर लेटाया गया।

यह शर्मनाक तस्वीरें स्वास्थ्य विभाग की संवेदनहीनता को उजागर करती हैं। पुवायां थाना क्षेत्र के गांव कटका निवासी 70 वर्षीय भगवती देवी, जो तेज बुखार से पीड़ित थीं, अपनी दवा लेने ई-रिक्शा से पुवायां सीएचसी पहुंचीं। अस्पताल के पर्चा काउंटर तक पहुंचने से पहले ही उनकी हालत बिगड़ गई और वे फर्श पर गिर पड़ीं। इसके बाद करीब दो घंटे तक वे वहीं तड़पती रहीं, लेकिन अस्पताल के किसी भी स्टाफ या सुरक्षा गार्ड ने उनकी मदद नहीं की।

पुवायां सीएचसी में कुल 13 सुरक्षा गार्ड तैनात हैं, जिनकी शिफ्ट वाइज ड्यूटी होती है। सुबह की शिफ्ट में चार गार्ड मौजूद रहते हैं, लेकिन महिला के पास से गुजरने के बावजूद किसी ने भी न तो सहायता की और न ही वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया।

मौके पर मौजूद एक व्यक्ति ने जब बुजुर्ग महिला की यह स्थिति देखी तो उसने हंगामा खड़ा किया और सीएचसी अधीक्षक डॉ. नरेंद्र पाल को फोन से सूचना दी। काफी देर बाद स्टाफ ने हरकत में आते हुए महिला को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया और इलाज शुरू किया गया।

इस घटना से एक बार फिर सीएचसी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। बताया जा रहा है कि यहां गार्ड ड्यूटी के दौरान अक्सर वर्दी में नहीं रहते और काम के प्रति लापरवाही बरती जाती है। अस्पताल परिसर में पहले भी चोरी की दो घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन फिर भी न तो निगरानी बढ़ाई गई और न ही जवाबदेही तय की गई।

महिला के इलाज को लेकर जब सीएचसी अधीक्षक डॉ. नरेंद्र पाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें एक व्यक्ति द्वारा फोन से सूचना मिली थी, जिसके बाद महिला को तुरंत इमरजेंसी में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। फिलहाल महिला की हालत में सुधार होने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई है और परिजन उन्हें घर ले गए हैं।

यह घटना न सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की संवेदनहीनता को उजागर करती है, बल्कि सिस्टम की गंभीर खामियों पर भी सवाल खड़े करती है। क्या जिम्मेदार अब भी जागेंगे, या किसी और बड़े हादसे का इंतजार किया जाएगा?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *