
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ : नोएडा डिजिटल अरेस्ट कर महिला के साथ 84 लाख रुपए की ठगी करने के मामले में साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने निजी बैंक के कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्त में आए आरोपी के पास से मोबाइल और दस्तावेज बरामद हुए हैं। उसके तीन साथियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। डीसीपी साइबर प्रीति यादव ने बताया कि बीते साल एक महिला ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि ठगों ने पार्सल में ड्रग्स होने का डर दिखाया और डिजिटल अरेस्ट कर उसके साथ 84 लाख 16 हजार 989 रुपए की ठगी कर ली। ठगों ने महिला को 23 जून से 25 जून 2024 तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा और जांच के नाम पर उसकी पूरी जमा पूंजी विभिन्न खातों में ट्रांसफर करा ली। मामला संज्ञान में आते ही पुलिस ने केस दर्ज किया और ठग गिरोह तक पहुंचने के लिए एक टीम गठित की।ठगी में शामिल राम सिंह, नरेंद्र और अक्षय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मामले में निजी बैंक के कर्मचारी सीतापुर निवासी सोनू पाल की भी संलिप्तता सामने आई। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस बीते कई दिनों से संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थी पर सफलता नहीं मिल रही थी। आखिर बुधवार को टीम ने सोनू पाल को दबोच लिया। पंजाब मे करंट अकाउंट खुलवाने का काम करता है।सोनू ने ही राम सिंह का खाता खुलवाया था और किट अपने पास रख ली थी। सोनू द्वारा खुलवाए गए खाते में ठगी के 69 लाख रुपए कई बार में ट्रांसफर हुए थे। कमीशन के तौर पर सोनू ने कई लाख रुपए अपने पास रख लिए थे। सोनू का मुख्य काम ठगी के लिए ठगों को बैंक खाते मुहैया कराने का था। वह पूर्व में हुई साइबर ठगी में भी ठगों को बैंक खाते उपलब्ध करा चुका है। सोनू द्वारा खुलवाए गए खाते में अबतक करोड़ों रुपए आ चुके हैंपूछताछ में सामने आया कि सोनू लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने समेत अन्य लुभावने ऑफर देता था। किसी के घर में अगर कोई बीमार हो और उसे तुंरत लोन की आवश्यकता हो तो सोनू उसे मदद के नाम पर झांसे में लेता था और खाते खुलवा लेता था। बैंक किट सोनू अपने पास ही रख लेता था। कुछ समय बाद बैंक खाते और उससे संबंधित पूरी जानकारी ठग गिरोह के पास पहुंच जाती थी। इसके एवज में सोनू ठग गिरोह से मोटी रकम लेता था। जब खातों में ठगी की रकम आती थी तब भी सोनू को कमीशन मिलता था।