राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम विकास विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें उनका पूरा फोकस अमृत सरोवरों की देखरेख व सौंदर्यीकरण पर रहा। उन्होंने कहा कि ग्राम चौपालों को और प्रभावी बनाया जाए। ताकि गांवों की समस्याओं का निस्तारण वहीं पर हो सके। ग्राम्य विकास विभाग की सोशल मीडिया की विंग को मजबूत किया जाए। ग्राम्य विकास विभाग के बजट का समय से सदुपयोग किया जाए। विकास कार्यों की जमीनी हकीकत परखने के लिए नियमित रूप से निरीक्षण किया जाए।
उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ग्राम्य विकास विभाग की उपलब्धियों को हाइलाइट किया जाए। सीएम डैस बोर्ड में विभाग के निर्धारित बिन्दुओं पर रिपोर्ट अपडेट रखी जाय। कहा कि समूहों के उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने, उनकी बिक्री कराने के लिए उचित प्लेटफार्म दिलाने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने मनरेगा में काम करने वाले लोगों का भुगतान समय से करने के निर्देश दिए। डिप्टी सीएम ने कहा कि पीएमजीएसवाई( प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना)की सडक़ों को शत प्रतिशत एफडीआर तकनीक पर ही बनाया जाय। एफडीआर तकनीक से बनाई गयी सडक़ों से बचत की गयी धनराशि का हवाला देते हुए भारत सरकार से धनराशि उपलब्ध कराने हेतु पत्राचार किया जाय। पीएमजीएसवाई की सडक़ों की नियमित चेकिंग की जाय । उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि एफडीआर तकनीक से काम करने वाले कान्ट्रेक्टर्स की बैठक बुलाई जाय। वहीं उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाई जा रही योजनाओं की भी समीक्षा की। कहा कि अगर महिलाएं आत्मनिर्भर होंगी तो प्रदेश तरक्की करेगा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव, ग्राम्य विकास विभाग हिमांशु कुमार , आयुक्त /सचिव ग्राम्य विकास जीएस प्रियदर्शी , सचिव ग्राम्य विकास विभाग सुखलाल भारती,राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन और अखंड प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे।





































































































































































































