
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ : महावीर जयंती जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश में श्रद्धा और आस्था से मनाई जाती है। यह पर्व चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को आता है और जैन समुदाय के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।
भगवान महावीर ने अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य और अस्तेय जैसे महान सिद्धांतों का प्रचार किया। उनका जीवन त्याग, तपस्या और आत्मकल्याण का प्रतीक रहा। वे जीवन भर जीवों के प्रति करुणा और दया का संदेश देते रहे।
महावीर जयंती के दिन जैन मंदिरों को भव्य रूप से सजाया जाता है। भक्तजन भगवान महावीर की मूर्तियों का अभिषेक करते हैं, पालकी यात्राएं निकाली जाती हैं और उपदेश व प्रवचन कार्यक्रम आयोजित होते हैं। बहुत से लोग इस दिन व्रत रखते हैं और जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा देते हैं।
यह पर्व केवल जैन धर्म के अनुयायियों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए नैतिक मूल्यों और आत्मशुद्धि की प्रेरणा है। आज के समय में जब दुनिया हिंसा और अशांति से जूझ रही है, महावीर स्वामी के सिद्धांत हमें शांति, सहिष्णुता और मानवीयता की राह दिखाते हैं।