राष्टï्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क।
हरदोई। वाल्मीकि जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला। साथ ही कहा कि केवल महापुरुषों को याद न करें बल्कि उनके बताए मार्ग पर भी ईमानदारी से चलें।
वाल्मीकि जयंती के अवसर पर गोपाल वाल्मीकि के आवास पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सभी ने वाल्मीकि जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। वक्ताओं ने कहा कि वह पहले एक डाकू थे और वन में आने वाले यात्रियों से लूटपाट करते थे। बाद में उन्होंने अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए भगवान ब्रह्मïा की आराधना की। वह तप में इतने लीन हो गए कि उनके शरीर पर दीमकों की मोटी परत जम गर्ई। इसके बाद ब्रह्मïा जी ने उनका नाम वाल्मीकि रखा। महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना कर सभी को सत्य, आपसी प्रेम और अनुशासन का पाठ पढ़ाया। नितिन वाल्मीकि ने कहा कि वाल्मीकि जी ने सभी को भाईचारे और आपसी प्रेम से रहने की सीख दी। इस मौके पर राजेश चौधरी, वीरेश, राकेश और अमित आदि मौजूद रहे।