
हरदोई के नुमाइश मैदान में श्री गोविंद गोपाल लीला संस्थान द्वारा भव्य रामलीला का मंचन किया गया। स्वामी कन्हैया लाल दत्ताश्रेय के निर्देशन में आयोजित इस मंचन में विश्वामित्र के सौवें यज्ञ की रक्षा का प्रसंग दर्शाया गया।
मंचन में दिखाया गया कि कैसे राम और लक्ष्मण ने धनुष-बाण लेकर यज्ञ की रक्षा की। जब मारीच और सुबाहु ने यज्ञ में विघ्न डालने का प्रयास किया, तब श्री राम ने अपने दिव्य बाण से मारीच को समुद्र पार फेंक दिया और सुबाहु का वध कर दिया। यज्ञ सम्पन्न होने के बाद मिथिला से आए एक सेवक के निमंत्रण पर राम-लक्ष्मण विश्वामित्र के साथ मिथिला की ओर प्रस्थान करते हैं।
मार्ग में उन्हें पत्थर बनी हुई अहिल्या मिलीं। गुरु विश्वामित्र की आज्ञा से श्री राम ने अपनी चरण रज से अहिल्या का उद्धार किया। इसके पश्चात गंगा तट पर पहुंचकर स्नान किया और पंडा-पुजारियों को दान-दक्षिणा देकर मिथिला की अमराई में विश्राम किया।
कार्यक्रम में प्रेम शंकर द्विवेदी, अमलेन्द्र नाथ मिश्रा (मांटी बाबू), राकेश गुप्ता, प्रमोद मिश्रा, मुनेन्द्र सिंह, पुनीत द्विवेदी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कलाकारों की भावपूर्ण प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।