राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क।
मल्लावां-हरदोई। स्वर्गीय रामाधार दीक्षित की स्मृति में 75 वें वर्ष श्री रामलीला एवं मल्लावां सांस्कृतिक महोत्सव के आठवें दिन विभिन्न लीलाओं का मंचन किया गया। श्री हरि दर्शन रामलीला नाट्य कला मंच कानपुर के कलाकारों ने सीता हरण, सुग्रीव मित्रता , बालि वध, सीता खोज, लंका दहन लीला का सुंदर मंचन किया।
सीता हरण के बाद राम का विलाप सुनकर उपस्थित श्रोताओं की आंखें नम हो गई। सीता की खोज में जब प्रभु राम जंगलों में भटक रहे थे तब सुग्रीव से उनकी मित्रता हो जाती है। सुग्रीव के भाई बालि का वध होने के बाद हनुमान माता सीता का पता लगाने के लिए लंका जाते हैं। इसके बाद लंका दहन का मंचन किया जाता है। धू-धूकर सोने की लंका जलते ही मौजूद लोग जय श्री राम व जय बजरंग बली का उद्घोष करने लगते हैं। श्री राम एवं श्री कृष्ण उत्थान समिति के अध्यक्ष गिरीश चंद्र कुशवाहा ने बताया कि 27 अक्टूबर को नगर में भरत मिलाप की सवारी निकलेगी। शाम को प्रभु श्रीराम का राज्याभिषेक होगा। मंचन के दौरान महामंत्री अरुण कुमार शुक्ला, कोषाध्यक्ष हरिश्चंद्र यज्ञ सैनी, महेंद्र कुमार श्रीवास्तव, महेश यादव, राम सिंह कुशवाहा और गोविंद शुक्ला आदि मौजूद रहे।