Krishi Aajeevika Sakhi Yojana: Rural women will become 'Lakhpati Didi'

राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ : उत्तर प्रदेश में लखपति महिला योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए तेज़ी से कार्य किया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को विभिन्न आजीविका संवर्धन गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, 10 हजार कृषि सखियों का लक्ष्य
योजना के तहत कृषि सखियों को प्राकृतिक एवं जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब तक 8157 कृषि सखियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जबकि लक्ष्य 10,000 कृषि सखियों को प्रशिक्षित करने का है। इन महिलाओं को प्रोड्यूसर ग्रुप, कृषि आधारित उद्यमिता और उत्पादन गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है।

21 से 45 वर्ष की महिलाएं बन सकती हैं कृषि सखी
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPS SRLM) के तहत 21 से 45 वर्ष की महिलाओं को कृषि आजीविका सखी के रूप में चयनित किया जा रहा है। इसके लिए कृषि में रुचि, अनुभव और न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता आवश्यक है। चयनित महिलाओं को स्थानीय स्तर पर भ्रमण और प्रचार-प्रसार का कार्य सौंपा जाएगा।

विभिन्न विभागों से मिलेगा सहयोग व मानदेय
कृषि सखियों को कृषि, उद्यान, सूक्ष्म सिंचाई और रेशम विभाग के कार्यक्रमों में पैरा-प्रोफेशनल के रूप में शामिल किया जाएगा। इन्हें संबंधित विभागों से मानदेय मिलेगा, साथ ही ये विभाग इन महिलाओं को अपनी योजनाओं का लाभार्थी भी बनाएंगे।

लक्ष्य: महिलाओं की वार्षिक आय 1 लाख से अधिक
इस योजना के तहत 30 लाख स्वयं सहायता समूह की सदस्यों की वार्षिक पारिवारिक आय 1 लाख रुपये से अधिक करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक व जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और महिलाओं की स्थायी आय सुनिश्चित होगी।

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