
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क शाहजहांपुर : संकट मोचन हनुमान मंदिर खिरनी बाग धर्मशाला में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक डॉ निर्मल द्विवेदीजी ने श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह प्रसंग सुनाया। श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह को एकाग्रता से सुना। श्रीकृष्ण-रुक्मणि के विवाह की कथा सुनकर कथा में आए श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।
श्रद्धालुओं ने विवाह के मंगल गीत गाए कथा प्रसंग में कथा व्यास ने कहा कि रुक्मणी विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और साक्षात लक्ष्मी जी का अवतार थी। रुक्मणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो मन ही मन श्रीकृष्ण से विवाह करने का निश्चय किया। रुक्मणी का बड़ा भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह चेदिनरेश राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहता था। रुक्मणी को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने अपनी एक सखी को श्रीकृष्ण के पास अपना परिणय संदेश भिजवाया भगवान श्री कृष्णा रुक्मणी का संदेश सुनकर विदर्भ देश की नगरी कुंडीनपुर पहुंचे वहां बारात लेकर आए शिशुपाल व उसके मित्र राजाओं शाल्व, जरासंध, दंतवक्त्र, विदु रथ और पौंडरक को युद्ध में परास्त करके रुक्मणी का उनकी इच्छा से हरण कर लाए भगवान कृष्ण द्वारिकापुरी आ ही रहे थे कि उनका मार्ग रुक्मी ने रोक लिया और कृष्ण को युद्ध के लिए ललकारा। तब युद्ध में श्रीकृष्ण व बलराम ने रुक्मी को पराजित करके दंडित किया। तत्पश्चात श्रीकृष्ण ने द्वारिका में अपने संबंधियों के समक्ष रुक्मणी से विवाह किया भगवान श्री कृष्ण रुक्मणी का विवाह धूमधाम से संपन्न हुआ द्वारका वासियों ने विवाह की खुशी में द्वारिका को चारों ओर फूल मालाओं से सजाया सभी ने नृत्य कर मंगल गीत गाए
आज कथा का विश्राम दिवस कल प्रातः 9:00 बजे से हवन पूर्ण आहुति के बाद भंडारा प्रसाद वितरण 12:00 बजे से शुरू किया जाएगा आज की पूजन आरती में विश्व मोहन बाजपेई सीमा बाजपेई हरि शरण बाजपेई सीमा बाजपेई सतीश वर्मा अखिलेश सिंह नीरज वाजपेयी शेफाली बाजपेई अभिषेक बाजपेई आस्था नैमिष मिश्रित सिद्धिमां तीर्थ मौजूद रहे