• September 8, 2024
  • kamalkumar
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राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क।

हरदोर्ई। यूपी के हरदोई जिले में शिव संकट हरण सकाहा शिव मंदिर है। यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। इस पौराणिक मंदिर के शिवलिंग की खासियत यह है कि दिन में तीन बार यह अपना रंग बदलता है। यही नहीं प्रतिवर्ष इसका आकार भी बढ़ जाता है। ग्रंथों में इस शिवलिंग के प्रकट होने की कोई सही जानकारी नहीं हैं। महाशिवरात्रि और सोमवार को यहां पर मेले का आयोजन होता है। 


हरदोई जिले में जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर विकासखंड बावन के सकाहा गांव में ये पौराणिक शिवमंदिर स्थित है। आस्था है कि यहां आने वाले लोगों के ऊपर कोई भी संकट क्यों न हो, उसे भगवान शिव अवश्य ही हर लेते है। बताते हैं कि 1951 में बेहटागोकुल थाने में तत्कालीन थानाध्यक्ष शिव शंकर लाल वर्मा ने इस चमत्कारी शिवलिंग को बेहटागोकुल थाना परिसर में स्थापित करवाने के लिए यहां की खोदाई करवाई थी। कई दिन तक लगातार खोदाई करने के बाद भी शिवलिंग का कोई छोर नहीं मिला। अलबत्ता जमीन से पानी अवश्य निकलने लगा। तब थानाध्यक्ष ने पानी रुकने के बाद खोदाई कराने का निर्णय लिया। दावा किया जाता है कि भगवान भोलेनाथ ने दरोगा को सपने में दर्शन देकर उनके शिवलिंग को यथावत रहने दिए जाने का आदेश दिया। इसके बाद दरोगा ने यहां बने छोटे से साधारण मंदिर को एक भव्य और विशाल मंदिर में परिवर्तित करवाया। इसी तरह एक और कहानी सेठ लाला लाहौरी मल से भी जुड़ी हुई है। बताते है कि सेठ लाला लाहौरी मल के बेटे को फांसी की सजा हो गई थी। तब इस शिवलिंग के महत्व और महिमा से अनजान सेठ लाहोरी मल ने दुखी मन से अपने बेटे की फांसी की सजा माफ किए जाने की मन्नत मंदिर में आकर मांगी। बताते हैं कि तभी अगले दिन उनके बेटे को दी जाने वाली फांसी की सजा माफ हो गई। इसके बाद सेठ ने इस मंदिर में विकास कार्य कराना शुरू किया था। पौराणिक संकट हरण सकाहा शिव मंदिर में मौजूद इस विशाल शिवलिंग के इतिहास से आज भी लोग अनजान हैं। यहां तमाम खोजकर्ता आए और गए लेकिन कोई भी इस शिवलिंग के इतिहास की जानकारी नहीं जुटा सका।

इस प्राचीन शिवलिंग से एक रोचक तथ्य जुड़ा है। वह यह है कि शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है। सुबह के समय इस शिवलिंग का रंग भूरा होता है तो दोपहर और शाम के बीच इसका रंग काला हो जाता है। वहीं रात में इसका रंग सुनहरा हो जाता है। इतना ही नहीं ये शिवलिंग पूर्व में छोटे आकार का था जो आज बेहद विशाल हो गया है। कहते हैं कि समय दर समय इस शिवलिंग के आकार में वृद्धि हो रही है. यहां के पुजारी और कुछ अन्य लोगों ने इस मंदिर के इतिहास की जानकारी दी। बताया कि यहां प्रत्येक सोमवार महाशिवरात्रि और सावन के महीने में हजारों की संख्या में भक्तों का तांता लगा रहता हैै। इस मंदिर की आस्था जिले में ही नहीं देश के अन्य भागों में भी फैली हुई है। कई राजनेता अपनी जीत की मनोकामना लेकर यहां पूजा-अर्चना करने आते हैं। पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया व नरेश अग्रवाल जैसे दिग्गजों के द्वारा भी मनोकामना पूर्ण होने पर मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए सहयोग राशि के पत्थर लगे हैं। इसके अलावा जनपद के तमाम विधायक और सांसद भी यहां पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं और इच्छा पूर्ति के लिए मनोकामना करते हैं।

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