
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ : सिटी मॉन्टेसरी स्कूल के गोल्फ सिटी, जॉपलिंग रोड और राजेंद्र नगर द्वितीय कैंपस के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय प्रधानाचार्य सम्मेलन (आईसीपी) के दूसरे दिन देश-विदेश से आए शिक्षाविदों ने शिक्षा की नई दिशा पर सारगर्भित विचार साझा किए।
ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, नेपाल और भारत के विभिन्न राज्यों से आए प्राचार्य व शिक्षाविदों ने 21वीं सदी की शिक्षा प्रणाली, नवीन शैक्षिक तकनीक, टूल्स और टीचिंग एड्स पर अपने अनुभवों को साझा किया। सम्मेलन की शुरुआत सीएमएस प्रेसिडेंट डॉ. रोजर किंगडन के प्रेरणादायक अभिभाषण से हुई, जिसमें उन्होंने कहा कि शिक्षा में रचनात्मक बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि शिक्षक छात्रों की पढ़ाई के साथ-साथ उनकी जिज्ञासाओं और उलझनों को भी सुलझाएं।
सीएमएस की सुपीरियर प्रिंसिपल और क्वालिटी एश्योरेंस एवं इनोवेशन विभाग की प्रमुख सुष्मिता घोष ने कहा कि जीवन मूल्यों पर आधारित शिक्षा ही छात्रों को आदर्श नागरिक बनाएगी।
सम्मेलन की मुख्य थीम ‘द पास्ट, प्रेज़ेंट एंड फ्यूचर ऑफ स्कूल लीडरशिप’ रही, जिस पर शिक्षकों और प्राचार्यों ने अपने विचार रखे। इसके अलावा, स्किल-बेस्ड लर्निंग और ग्लोबल सिटिजनशिप जैसे विषयों पर पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।
Google for Education इंडिया के हेड संजय जैन ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला टूल है, जो छात्रों की जिज्ञासाओं का त्वरित समाधान प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि एआई के जरिए छात्र गहरी और रुचिकर जानकारी हासिल कर सकते हैं।
इस अवसर पर अध्ययन क्वालिटी एजुकेशन सर्विस की फाउंडर डायरेक्टर कविता आनंद, शिक्षाविद डॉ. ज्योति और श्रुति नागर सहित कई विद्वानों ने अपने विचार साझा किए। सम्मेलन की खासियत शैक्षिक कार्यशालाएं, वेलनेस सत्र और उपयोगी टीचिंग एड्स रहे, जो शिक्षकों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुए।
अपराह्न सत्र में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएमएस मैनेजर प्रो. गीता गांधी किंगडन ने सम्मेलन के उद्देश्यों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा को छात्रों के सर्वांगीण विकास और वैश्विक दृष्टिकोण का माध्यम बनाना समय की मांग है। उन्होंने यह भी कहा कि इस उद्देश्य को साकार करने के लिए देश-विदेश के शिक्षाविद लखनऊ की धरती पर एकत्रित हुए हैं।
सम्मेलन के अंत में सभी प्रतिभागियों ने एक स्वर में सीएमएस का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मेलन बच्चों के सम्पूर्ण विकास पर विचार करने का एक अद्वितीय मंच है और यह भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
सीएमएस के कम्युनिकेशन्स हेड ऋषि खन्ना ने बताया कि 4 मई को भी सम्मेलन की परिचर्चाएं जारी रहेंगी और सायंकालीन सत्र में इसका समापन होगा। उन्होंने बताया कि की-नोट एड्रेस, पैनल डिस्कशन, वर्कशॉप, केस स्टडी और पेपर प्रजेंटेशन के माध्यम से शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव की रूपरेखा तैयार की जा रही है।