
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क
पटना : बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की टीआरई-3 शिक्षक भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास का घेराव करने का प्रयास किया, जिसके बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया।
प्रदर्शन का कारण:
अभ्यर्थी “वन कैंडिडेट, वन रिजल्ट” की मांग कर रहे थे, जिससे प्रत्येक उम्मीदवार के लिए एक ही परिणाम जारी हो। उनका कहना है कि पहले की परीक्षाओं में एक ही उम्मीदवार के लिए कई परिणाम जारी होने से रिक्तियां खाली रह गईं और योग्य उम्मीदवारों को अवसर नहीं मिला।
पुलिस की कार्रवाई:
अभ्यर्थियों के सीएम आवास की ओर बढ़ने पर पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया। इस दौरान कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए और कुछ को हिरासत में लिया गया।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने प्रदर्शनकारियों के साथ मार्च किया और प्रशासन की कार्रवाई की आलोचना की। उन्होंने कहा कि छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है।
अभ्यर्थियों की अन्य मांगें:
- टीआरई-1 और टीआरई-2 की परीक्षा परिणामों की पुनः समीक्षा।
- बिहार सरकार के आरक्षण नियमों के अनुसार आरक्षण नीति का पालन।
- डोमिसाइल नीति के तहत बिहार के मूल निवासियों को प्राथमिकता।
निष्कर्ष:
यह घटना बिहार में सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता की आवश्यकता को उजागर करती है। अभ्यर्थियों की मांगों पर सरकार की प्रतिक्रिया और आगामी कदमों का इंतजार किया जा रहा है।