
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ : उत्तर प्रदेश फिल्म एंड टेलीविजन अकादमी के रजत जयंती वर्ष समारोह में दादा साहेब फाल्के आजीवन चलचित्र सेवा सम्मान-2025 से सुविख्यात फिल्म और रंगमंच अभिनेता डॉ. अनिल रस्तोगी और वरिष्ठ समीक्षक राजवीर रतन को सम्मानित किया गया। यूपी प्रेस क्लब में आयोजित इस भव्य समारोह में साहित्यकार पद्मश्री डॉ. विद्या विंदु सिंह, राज्य ललित कला अकादमी अध्यक्ष गिरीशचंद्र मिश्र और फिल्मकार सुनील बत्ता ने अंगवस्त्र और स्मृतिचिह्न भेंट कर यह सम्मान प्रदान किया।
भारतीय सिनेमा के जनक दादा साहेब फाल्के की 155वीं जयंती के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में पद्मश्री विद्या विंदु सिंह ने कहा, “साहित्य और कला को औपचारिकता में नहीं बांधा जा सकता, बल्कि यह परंपरा से जुड़ी संवेदनशील साधना है।”
कार्यक्रम का संचालन कर रहीं डॉ. अनीता सहगल वसुंधरा और अकादमी अध्यक्ष सुनील बत्ता ने फिल्म निर्माण के संघर्ष, नीति और सरकार की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अब तक 100 से अधिक फिल्मों को “अम्मा” जैसी सब्सिडी मिल चुकी है और ओटीटी को भी राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
81 वर्षीय डॉ. अनिल रस्तोगी ने सम्मान पाकर अपनी छह दशक लंबी अभिनय यात्रा को साझा करते हुए कहा, “हर अनुभव आज भी रोमांचित करता है। मेरी यह यात्रा लखनऊ में सुनील बत्ता के साथ शुरू हुई थी।” वहीं समीक्षक राजवीर रतन ने सुनील बत्ता को उत्तर प्रदेश के फिल्म आंदोलन का सशक्त स्तंभ बताया।
समारोह के दौरान सम्मानित व्यक्तित्वों पर आधारित फिल्म क्लिप्स, दृष्टि फिल्म्स के धारावाहिक अंश और आर्टिस्ट फोरम के प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को जीवंत बना दिया। दीप प्रज्वलन पद्मश्री विद्या विंदु सिंह, डॉ. रस्तोगी, सुनील बत्ता और अर्पिता बत्ता ने किया।