
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली – नियंत्रण रेखा (LoC) पर लंबे समय से जारी तनाव और गोलीबारी के माहौल के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच बड़ी कूटनीतिक पहल देखने को मिली है। पाकिस्तान की ओर से बातचीत की पहल के बाद दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच अहम बातचीत हुई, जिसमें संघर्षविराम पर सख्ती से अमल करने पर सहमति बनी।
गुरुवार को हुई इस बातचीत में दोनों पक्षों ने 2003 के संघर्षविराम समझौते का पूरी तरह पालन करने का संकल्प दोहराया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह फैसला सीमा पर शांति बहाल करने और नागरिकों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
बातचीत के दौरान भारत ने स्पष्ट किया कि शांति की पहल तभी टिकाऊ हो सकती है जब सीमा पार से आतंकवाद और घुसपैठ पूरी तरह बंद हो। पाकिस्तान ने भी नियंत्रण रेखा पर स्थिति को सामान्य बनाने और संवाद बनाए रखने पर सहमति जताई।
विशेषज्ञ इसे भारत की कूटनीतिक जीत मान रहे हैं, क्योंकि लंबे समय से भारत नियंत्रण रेखा पर जारी उकसावे की कार्रवाई का जवाब दे रहा था। अब पाकिस्तान की पहल को बैकफुट पर खड़े होने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहद नाजुक दौर से गुजर रहे हैं। अगर यह पहल लंबे समय तक कायम रहती है, तो यह दक्षिण एशिया में शांति स्थापना की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकती है।