राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ । राजधानी लखनऊ में शनिवार को डॉ. माद्री काकोटी और लोकगायिका नेहा सिंह राठौर पर दर्ज मुकदमों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ। राज्यव्यापी प्रतिरोध दिवस के तहत लखनऊ विश्वविद्यालय गेट नंबर 1 प्रदर्शन हुआ। आईसा, एडवा, राया समेत विभिन्न छात्र संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। आईसा ( ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन) के उपाध्यक्ष समर गौतम ने बताया कि विश्वविद्यालय से परिवर्तन चौक तक शांति मार्च का आवाहन था। मगर पुलिस ने लखनऊ विश्वविद्यालय के सामने ही सभी लोगों को रोक लिया और मार्च नहीं निकालने दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई डर को उजागर करती है। पुलिस के बल पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने की कोशिश की जा रही है। जब ट्वीट देशद्रोह और विरोध अराजकता कहलाने लगे तो लोकतंत्र खतरे में है। एडवा की कमला गौतम ने कहा कि गिरफ्तारियां हमें रोक नहीं सकतीं। जब तक नेहा और माद्री के खिलाफ फर्जी मुकदमे वापस नहीं लिए जाते आंदोलन जारी रहेगा। हम लोग जेल के अंदर रहे या बाहर रहे लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ते रहेंगे। संविधान ने हम सभी लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने की आजादी दिया है। इस संविधान में सहमति और विरोध के द्वार खुले हुए हैं। राजीव गुप्ता ने कहा कि ये यह लड़ाई हर उस शख्स की है जो सोचता है, बोलता है, सवाल करता है। सरकार को सच से डर लगता है। लेकिन हम लोग सरकार की तानाशाही से डरने वाले नहीं हैं। सरकार का हमला विचारों पर ही नहीं, संस्कृति, शिक्षा और इंसानियत पर भी है। प्रदर्शन करने वाले सभी लोगों को पुलिस ने हिरासत में लेकर इको गार्डन भेज दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच में नोक झोंक भी हुई।

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