राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़। पीएम मोदी ने 47वें आसियान शिखर सम्मेलन में घोषणा की कि 21वीं सदी भारत और आसियान की है, जो दक्षिण पूर्व एशिया के साथ मिलकर एक समावेशी और टिकाऊ भविष्य बनाएगी। उनके संबोधन ने भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ और ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्यों को आसियान के ‘समुदाय विजन 2045’ के साथ जोड़ा, जिससे क्षेत्र में बढ़ते रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों पर बल मिला। यह संबोधन भारत की क्षेत्रीय नेतृत्व की आकांक्षाओं और आसियान के साथ उसकी बढ़ती साझेदारी को दर्शाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 47वें आसियान शिखर सम्मेलन 2025 को ऑनलाइन संबोधित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि 21वीं सदी भारत और आसियान देशों की है। उन्होंने दक्षिण पूर्व एशिया के साथ मिलकर एक साझा, सबको साथ लेकर चलने वाला और टिकाऊ भविष्य बनाने के भारत के सपने पर भी बात की। उन्होंने कहा कि आसियान भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ का एक खास हिस्सा है। शिखर सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा, ’21वीं सदी हमारी सदी है। यह भारत और आसियान की सदी है। मुझे यकीन है कि ‘आसियान समुदाय विजन 2045’ और ‘विकसित भारत 2047′ का लक्ष्य पूरी इंसानियत (मानवता) के लिए एक बेहतर भविष्य बनाएगा।’ उनके इस भाषण में 10 देशों के इस समूह के साथ भारत के बढ़ते रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रिश्तों पर जोर दिया गया।प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत और आसियान कई क्षेत्रों में, जैसे- आपदा के समय मदद करना, समुद्र की सुरक्षा, और नीली अर्थव्यवस्था, मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि 2026 को ‘आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष’ के रूप में मनाया जाएगा। यह हिंद महासागर में दोनों के बीच सहयोग के एक नए दौर की शुरुआत करेगा।मलेशिया 2025 के लिए आसियान का अध्यक्ष है, और फिलीपींस 2026 में अध्यक्ष होगा। भारत ने 1992 में एक ‘क्षेत्रीय संवाद भागीदार’ और फिर 1995 में एक ‘संवाद भागीदार’ के रूप में आसियान के साथ औपचारिक तौर पर जुड़ना शुरू किया था।प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 से 2022 को छोड़कर सभी आसियान-भारत शिखर सम्मेलनों में भाग लिया है। जनवरी 2018 में नई दिल्ली में हुए 25वें साल के यादगार शिखर सम्मेलन में, सभी 10 आसियान देशों के नेता भारत के 69वें गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *