मानव जीवन परमात्मा की प्राप्ति के लिए ही मिला है यह बात हमने बहुत सारे शास्त्रों ग पुराने और तमाम सारे सत्संगों में सुनी है लेकिन उसे समय यह बात हमको झूठ साबित होने लगती है जब हम भौतिक चक्र चांद में पड़कर उसे सत्य को भूल जाते हैं जी सत्य को पाने के लिए हमें परमात्मा ने मानव जीवन दिया है
इसलिए हम जब कभी भी सत्संग में बैठे तो अपना ध्यान उसे और लगे इसके लिए उसे परमात्मा ने हमको मानव शरीर देकर संसार में भेजा है आज हम लोग जिस भौतिक चक्र चौथ के पीछे-पीछे घूम रहे हैं अंतत वह कहां ले जा रहा है यह आज बताने की आवश्यकता नहीं है समाज के हर वर्ग में जो समस्याएं उत्पन्न हो रही है चाहे वह समाज हो चाहे वह परिवार हो चाहे वह राजनीतिक परिस्थितियों हो या सामाजिक परिस्थितियों हो या नौकरी हो या व्यक्ति के किसी भी अन्य जीवन में हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि वास्तव में हमारा मन जीवन उसे परमपिता परमात्मा की प्राप्ति के मिला है जिसे हम कोई संसार में मानव के रूप में भेजा है