
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ : चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है। यह दिन विशेष रूप से शांति, सौम्यता और साहस का प्रतीक माना जाता है। मां चंद्रघंटा के मस्तक पर अर्धचंद्र सुशोभित होता है, जिससे उनका यह नाम पड़ा। उनका यह रूप भक्तों को भयमुक्त कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करता है।
मां चंद्रघंटा की पूजा में भक्त विशेष रूप से दूध, घी और सफेद फूल अर्पित करते हैं। यह दिन साधकों के लिए अति महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दिन साधना करने से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। माना जाता है कि मां चंद्रघंटा की कृपा से सभी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है। इस दिन भक्त उपवास रखकर मां की आराधना करते हैं और दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं। जय माता दी!